डॉ विकास दिव्यकीर्ति जी कहते है की शंकराचार्य के हिसाब से यह जो दुनिया हमारी है यह भी एक तरह का Simulation है अंतर सिर्फ इतना है कि हम Character हैं और उस Video Game का रिमोट किसी और के हाथ में है।

आगे वो कहते है जिंदगी बुलबुले जैसी है  और हम लोग  उस जिंदगी में इन छोटी-छोटी बातों में इतना लीन होकर डूबे रहते है  इसके सिवा जिंदगी में कुछ है ही नहीं 

इसलिए डॉ विकास दिव्यकीर्ति कहते है की इसी जिंदगी में होते हुए अपनी जिंदगी को बेहतर कैसे बनाया जाये ? अपनी बाकी चीजों से कंप्रोमाइज करते हुए अपनी जिंदगी को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है ? इसके लिए 4-5 पैरामीटर तय करना होगा।

 सबसे गहरा parameter यह है कि आपके पास जीने का कोई purpose होना चाहिए या नहीं और है तो कितना बड़ा purpose है?

कुछ लोग ये Parameter set किये है कि मुझे सबको हराकर  First आना है या करोड़पति बनना है, ये सारे Purpose ठीक है लेकिन यह Purpose बहुत दूर तक Help नहीं करेंगे इससे बेहतर होता है एक समय के बाद कि आप अपनी creative insight को आगे बढ़ाए 

Creative instinct  ये होता है कि आपको पेंटिंग करना पसंद हो वो करिये आपको पोएट्री पसंद हो सकती आपको फिल्म बनाना पसंद हो सकता है जो भी आपकी instinct है उसको जिन्दा रखिये

दूसरा आप एक ऐसा purpose जीवन में रखिये जैसे की आपके लिए सबसे आसान क्या है अपने आसपास दो चार पांच लोगों को सिर्फ इतना समझा दीजिए जैसे आप ca है तो  financial wisdom जीवन में कैसे काम करती है ये बता दो ?आगे कैसे बढे इस Field में ? और भी बहुत कुछ

तीसरी बात आप कितने ने भी सफल हो यदि आपके जीवन में कुछ खास रिश्ते नहीं तो आप ऐसे रिश्ते जरूर बनाइये जिनके साथ आप अपनी बातें खुलकर कर सकते हो। चाहे वो फिर आपका दोस्त , भाई , पत्नी या जो भी जिसे आप अपनी बात खुल कर कह सकते हो आपको आसानी होगी 

इस तरह आप अपनी जिंदगी को दिन प्रतिदिन बेहतर बना सकते है , और भी लेख पढ़ने के लिए आज ही विजिट करे www.seepositive.in