जन्माष्टमी का महत्व
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भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव, धर्म की स्थापना और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
व्रत और पूजा
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भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
भजन-कीर्तन
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मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जिससे भक्त भगवान के करीब महसूस करते हैं।
तिथि विवाद -
2024 में जन्माष्टमी दो तिथियों पर मनाई जाएगी - 26 और 27 अगस्त, ज्योतिषीय मतभेद के कारण।
कृष्ण कथा
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कृष्ण कथा सुनने से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा मिलती है और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश मिलता है।
विशेष
पकवान
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मखान मिश्री और पंजीरी जैसे पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं और प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं।
दूसरों की सेवा
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जन्माष्टमी के दिन दूसरों की सेवा करना पुण्यदायी माना जाता है।