बचत हमारी कमाई का सबसे अहम हिस्सा होता है। ऐसे में अगर आप अपनी बचत का हिस्सा फिक्स डिपॉजिट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए। फिलहाल ब्याज दरें चार साल बाद फिर बढ़ने लगी हैं। कुछ दिनों पहले ही आरबीआई ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं। इससे बैंक और डिपॉजिट रेट दोनों बढ़ने लगेंगे। बैंकों ने लोन की दरें तो बढ़ाना शुरू कर दी हैं। जिसके चलते डिपॉजिट दरों में भी हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। तो अगर आपने एफडी को निवेश के लिए चुना है तो इन बातों का रखें खास ख्याल-
शॉर्ट टर्म FD सबसे बेस्ट
बैंकों में सबसे ऊंची दरें 3 साल से ज्यादा समय वाले डिपॉजिट पर मिलती हैं। इनसे कम अवधि के डिपॉजिट पर दरें कम हैं। मान लेते हैं कि केनरा बैंक की एक साल की FD की दर 5.30 फीसदी है और 5 साल की एफडी की दर 5.7 फीसदी है। ग्राहक फिलहाल कम अवधि की डिपॉजिट बना सकते हैं। जब दरें काफी बढ़ जाएं, तो थोड़ी लंबी अवधि की डिपॉजिट भी बनाया जा सकता है।
लैडरिंग हो सकती है फायदेमंद
अपनी ब्याज दरों को लैडर यानी सीढ़ी के पायदान की तरह रखें। अलग-अलग अवधि और ब्याज दरों पर डिपॉजिट का विकल्प अच्छा है। इससे आपको ज्यादा ब्याज कमाने का मौका मिलेगा और आपका पैसा किसी एक रेट के डिपॉजिट में नहीं फंसा रहेगा। थोड़े-थोड़े समय में आपकी डिपाजिट मैच्योर होंगी और आप उन्हें ऊंची दरों के लिए फिर से निवेश कर सकते हैं।
प्राइवेट-सरकारी बैंक की ब्याज दरों में फर्क को समझें
निजी बैंक आम तौर पर ज्यादा ब्याज देंते हैं इनके मुकाबले सरकारी बैंक थोड़ा कम रेट देंगे। उदाहरण के लिए ICICI बैंक की 5 साल की FD की दर 5.60 प्रतिशत है। वहीं भारतीय स्टेट बैंक की दर 5.40 प्रतिशत है। तो एफडी के पहले बैंकों की ब्याज दर और जोखिम को जान लें।
बड़े-छोटे बैंकों में अंतर समझें
बैंक और कंपनियों में अंतर को समझें
बैंक और पोस्ट ऑफिस के अलावा आप कंपनी FD में भी पैसा निवेश कर सकते हैं।