SUPER-30: बच्चों को नि शुल्क मेडिकल और आईआईटी की तैयारी करवाने वाले सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली की सिफारिश पर पीएचडी की मानद उपाधि दी गई।
गरीब बच्चों की शिक्षा में योगदान के लिए मिली उपाधि
SUPER-30 के संस्थापक आनंद कुमार को समाज के गरीब, वंचित, पिछड़े वर्ग के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आईआईटी जैसे विश्वस्तरीय संस्थान की प्रवेश परीक्षा में सफल कराने के लिए दुनियाभर में नाम है। समाज के पिछड़े वर्ग और गरीब बच्चों के जीवन को समृद्ध बनाने के अपने इसी योगदान के कारण, आनंद कुमार को केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली के दीक्षांत समारोह के मौके पर विज्ञान भवन में, पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।
युवाओं की प्रेरणा हैं आनंद
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने आनंद कुमार को सम्मानित किया और कहा कि आनंद का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। आनंद कुमार ने अपने काम से कई युवाओं का जीवन बदल दिया है और इसकी वजह से ही यह गर्व की बात है कि उन्हें पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया जा रहा है।
तकनीक का उपयोग युवाओं की पहुंच तक हो
आनंद कुमार ने पीएचडी सम्मान ग्रहण करते हुए कहा कि यह मानद उपाधि उन्हें जीवन में और बेहतर तरीके से युवाओं को आगे बढ़ाने के लिएहमेशा प्रेरणा देने का काम करेगी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि वह तकनीक का इस्तेमाल कर ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचना चाहते हैं और समाज के गरीब, वंचित तबके के बच्चे को मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं उन्हें नया जीवन देना चाहते हैं। यह शिक्षा से ही संभव है। आनंद कुमार के काम ने कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।
आनंद को मिल चुका है कई सम्मान
आनंद के प्रेरणादायी काम के लिए उन्हें कई सम्मान से नवाज़ा जा चुका है। उनके जीवन पर एक फिल्म भी बन चुकी है। उनपर किताबें भी लिखी जा चुकी हैं। साथ ही आनंद कुमार को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान भी मिला है।
कोविड के मुश्किल समय में भी नहीं छोड़ा स्टूडेंट्स का साथ
कोविड 19 के समय जब सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे। तब आनंद कुमार अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अखबारों से लगातार छात्रों से संपर्क में थे, उन्होंने लगातार मार्गदर्शन का काम किया था।