Krishna Janmashtami: देवों में सबसे अनोखे रहे हैं श्री कृष्ण, उनका जीवन हर इंसान के लिए एक प्रेरणा है। उनके बाल्यकाल से लेकर उनकी सभी अवस्थाएं मनुष्य को जीवन में कुछ न कुछ सीख जरूर देती है। जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन पूरा देश उनके जन्म का उत्सव मनाती है। इस जन्माष्टमी (Janmashtami) जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण (Krishna) के वे कौन से सूत्र हैं जिन्हें अपनाकर हम एक बेहतर जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
जीवन दर्शन: श्री कृष्ण को देवकी ने जन्म दिया था लेकिन उन्हें यशोदा ने पाला था। पर भगवान श्री कृष्ण ने हमेशा दोनों को समान दर्जा दिया।
सीख- जन्म देने वाला हो या पालने वाला दोनों ही समान है।
जीवन दर्शन: श्रीकृष्ण ने गोकुल में एक ग्वाले की तरह साधारण जीवन जिया, लेकिन गाय चराने के साथ बाकी पशु-पक्षियों से भी उनका गहरा लगाव था। श्री कृष्ण प्रकृति प्रेमी और संरक्षक थे।
सीख- प्रकृति की सुरक्षा करें।
जीवन दर्शन: महाभारत युद्ध को पांडवों ने श्रीकृष्ण की कूटनीति से लड़ी थी। उन्होंने एक गुरु की तरह मार्गदर्शन किया और अर्जुन के सारथी बने, लेकिन जीत का श्रेय भीम-अर्जुन को दे दिया।
सीख- कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता। श्रेय लेने की होड़ में न रहें।
जीवन दर्शन: पूतना अपने स्तनों में विष लगाकर श्रीकृष्ण को मारने गई थी। उन्होंने यह अवगुण देखने के बजाय यह देखा कि वह मां की तरह स्तनपान कराने आई है। इसके बाद उन्होंने उसे आसुरी जीवन से मुक्त कर दिया।
सीख- माफ करना सीखना।
जीवन दर्शन: द्रौपदी के चीरहरण के समय कोई भी उनके सम्मान की रक्षा के लिए आगे नहीं बढ़ा तो श्रीकृष्ण ने उनकी सहायता की।
सीख- महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान करना।