स्पेशल बच्चों को दें स्पेशल पैरेंटिंग, इन तरीकों से आसान होगा उनकी स्पेशल नीड्स को पूरा करना !



ऐसे बच्चे जो दिव्यांग हैं, कमजोर हैं या फिर किसी तरह की मानसिक स्थितियों से गुजर रहे हैं उन्हें स्पेशल देखभाल की जरूरत होती है। हमारी छोटी-छोटी सी कोशिशों से ये बच्चे समाज में सामान्य बच्चों से खुद को अलग नहीं समझेंगे और अपने जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। इन स्पेशल बच्चों के लिए माता-पिता को स्पेशल पैरेंटिंग के स्टेप्स सीखना चाहिए।

बच्चे यह अहसास न करें कि वे दूसरों से अलग हैं-

बच्चों को हर स्थिति में यह समझाने की कोशिश करें कि भले ही शारीरीक बनावट अलग हो सकते हैं पर सोच-समझ की दृष्टि से वे औरों जैसे ही हैं। कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान दें जैसे, बच्चों के सामने ‘ओवरकेयर’, ओवरप्रोटेक्शन’ कभी ना दिखाएं। भले ही आपके मन में बच्चों के लिए चिंता हो पर ऐसा करने से आप बच्चों के आत्मविश्वास को कमजोर करेंगे। इसलिए यह कोशिश करें कि बच्चें खुद को खुद ही संभालें। आप बैक सपोर्ट बनें पूरा सपोर्ट नहीं। जहां तक हो सके उन्हें पब्लिक गेट-टू-गेदर में शामिल करें, जिससे वे लोगों के बीच खुद को घुलना-मिलना सीख सकें।

माता-पिता के बीच की बॉन्ड होता है काफी मददगार-

कहते हैं प्रेम सबकुछ सरल करता है। इसलिए अगर परिवार में किसी भी तरह का तनाव न रखें। तनाव पूर्ण माहौल में बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं। बच्चे के बीच अपने बीच के बॉन्ड को प्रदर्शित करें। उन्हें सीखाएं कि एकता वह स्थिति होती है जिससे सारे जंग जीते जा सकते हैं।

सामान्य स्कूल में कराएं दाखिला-

स्पेशल बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल की सुविधा होती है। लेकिन अगर आपका बच्चा इतना सक्षम है कि वह सामान्य बच्चों के स्कूल में सर्वाइव कर सकता है तो उसे स्पेशल स्कूल की जगह सामान्य बच्चों के स्कूल में ही डालें ताकि वह सामान्य बच्चों के साथ अपनी क्षमता की तुलना न करे।

शारीरिक क्षमता को बौद्धिक विकास पर हावी न होने दें-

कई बार बच्चा जब किसी चीज की शुरूआत करना चाहता है तो हम उसे पहले स्टेप पर ही रोक देते हैं कि ध्यान से करना होगा। या नहीं कर पाओगे जैसा। लेकिन इन शब्दों से बचें उनसे बातचीत के दौरान शब्दों का चयन सावधानी से करें। उन्हें उनकी काबिलियत पर भरोसा दिलाएं। मानसिक रूप से कोई गंभीर परेशानी होने पर उसे शारिरिक तौर पर मजबूत बनाएं और शारिरिक रूप से किसी विकार पर उसे बौद्धिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास करें।

इसके अलावा समाज में कई ऐसे रोल मॉडल्स हैं जिन्होंने अपने अंदर की कमी को दूर कर एक मुकाम हासिल किया है। स्पेशल बच्चों को इनके बारे में बताएं, इनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही उनके छोटे-छोटे अचीवमेंट्स को सेलीब्रेट करें। इससे उनके आत्मविश्वास में कमी नहीं होगी।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

info@seepositive.in
Rishita Diwan – Chief editor

8839164150
Rishika Choudhury – Editor

8327416378

email – hello@seepositive.in
Office

Address: D 133, near Ram Janki Temple, Sector 5, Jagriti Nagar, Devendra Nagar, Raipur, Chhattisgarh 492001

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.
CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

SHARE YOUR STORY

info@seepositive.in

SEND FEEDBACK

contact@seepositive.in

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.