• काफी दिलचस्प है मध्यप्रदेश के युवाओं की कहानी
• IAS की तैयारी छोड़ बेच रहे हैं चाय
• आज 100 करोड़ की कंपनी के हैं मालिक
INSPIRATION: “चाय को सिर्फ चाय मत कहो ये एक इमोशन है। “इस तरह के स्टेटमेंट आपको लगभग हर युवा से सुनने को मिल जाएगा जिसे चाय पसंद है। आजकल चाय काफी ट्रेंडिंग भी है, हो भी क्यों नहीं भारत में शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां चाय नहीं बनती हो। देश में ज्यादातर लोगों को चाय की आदत है। भारतीयों की तो मेहमाननवाजी भी चाय से ही शुरू होती है।
आज चाय के बिजनेस ने लाखों करोड़ो का कारोबार खड़ा किया है। चाय के बिजनेस में बड़ा अवसर देख जा रहा है। ऐसे ही एक अवसर का फायदा उठाया है मध्य प्रदेश के रहने वाले अनुभव दुबे और उनके दोस्त आनंद नायक ने जिन्होंने चाय के बिजनेस में हाथ आजमाने का फैसला किया और आज 100 करोड़ का बिजनेस चला रहे हैं।
दो दोस्तों का आइडिया आज दे रहा है कई लोगों को रोजगार
इन दो दोस्तों ने यह साबित किया है कि जहां चाह है वहां राह भी है। दरअसल अनुभव दुबे और उनके दोस्त आनंद ने यह साबित करके दिखाया है कि इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है। पढ़ाई के दौरान इंदौर में अनुभव दुबे आनंद की दोस्ती हुई । दोनों ने कई साल तक साथ पढ़ाई की। बाद में आनंद ने पढ़ाई छोड़ दी और अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर एक बिजनेस शुरू कर लिया। अनुभव के माता-पिता ने उन्हें IAS की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया।
IAS की तैयारी छोड़ शुरू हुआ चाय का बिजनेस
दिल्ली में अनुभव IAS की तैयारी कर रहे थे। एक दिन उनके दोस्त आंनद का कॉल आया और दोनों ने मिलकर एक बिजनेस शुरू करने का मन बना लिया। चाय के बिजनेस के बारे में अनुभव बताते हैं कि हमारे देश में पानी के बाद सबसे ज्यादा चाय ही पी जाती है। इसलिए इसका बिजनेस बहुत फायदेमंद साबित हुआ। इस बिजनेस में उन्हें ज्यादा लागत की भी जरूरत नहीं पड़ी।
अनुभव और आनंद ने मिलकर इंदौर में 3 लाख की लागत से पहली दुकान खोली थी। चाय की दुकान खोलने पर कई बार उन्हें ताने भी सुनने पड़े। आज उनकी दुकान चाय सुट्टा बार की 165 से ज्यादा आउटलेट्स हैं। उनका बिजनेस आज 100 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर दे रहा है। यही नहीं वे 250 कुम्हार परिवारों को भी रोजगार भी दे रहे हैं। और उनके 18 लाख से ज्यादा रोजाना के कस्टमर्स हैं।