PM Modi ने गुजरात के केवड़िया में मियावाकी वन का उद्धाटन किया है। केवड़िया के एकता नगर में पर्यटकों के लिए मियावाकी वन एक और पर्यटन का केंद्र के रूप में स्थापित हो गया है। इस जंगल की खास बात यह है कि इस जंगल में मियावाकी पद्धति के माध्यम से पेड़ उगाए जाएंगे।
PM Modi ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए दो प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है। इनमें से एक मियावाकी वन और दूसरा भूलभुलैया पार्क और दूसर है। इसी जगह पर 4 साल पहले भी पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की शुरूआत की थी, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है और हर साल लाखों लोग इसे देखने के लिए केवड़िया पहुंचते हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब तक 8 मिलियन से ज्यादा लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की भव्यता को देख चुके हैं।
केवड़िया के एकता नगर की सैर करने वाले पर्यटकों के लिए मियावाकी वन एक और पर्यटन का केंद्र बनकर तैयार हुआ है। इस जंगल का नाम जापानी वनस्पतिशास्त्री और पारिस्थितिकी विज्ञानी डॉ. अकीरा मियावाकी की तकनीकी के नाम पर रखा है।
मियावाकी पद्धति के जरिए एक जंगल को केवल दो से तीन वर्षों में विकसित कर सकते हैं। जबकि पारंपरिक पद्धति से इसमें कम से कम 20 से 30 साल लग जाते हैं। इस पद्धति में अलग-अलग प्रजातियों के पौधे एक-दूसरे के पास लगाए जाते हैं।
इस तकनीकी से पौधों की वृद्धि 10 गुना तेजी से होती है। जिससे वन 30 गुना अधिक सघन हो जाता है। मियावाकी वन में फूलों का पार्क, इमारती लकड़ी का बगीचा, फलों का बगीचा, औषधीय पौधों का उद्यान, मिश्रित प्रजातियों का एक मियावाकी खंड और डिजिटल ओरिएंटेशन सेंटर तैयार है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दूसरे प्रमुख पर्यटन स्थलों में टेंट सिटी, थीम आधारित पार्क जैसे आरोग्य वन (हर्बल गार्डन), बटरफ्लाई गार्डन, कैक्टस गार्डन, विश्व वन, फूलों की घाटी, यूनिटी ग्लो गार्डन, चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क, जंगल सफारी भी शामिल है।
केंद्र सरकार ने 2014 में 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का प्रण किया था। इसका उद्देश्य राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने और मजबूत बनाने के लिए समर्पण की भावना को मजबूत करना था।
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