अक्सर ऐसा होता है कि बच्चों की पढ़ाई शादी की प्लानिंग के बीच लोग सही रिटायरमेंट की प्लानिंग ही नहीं कर पाते या फिर भूल जाते हैं। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद उनको अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए परेशान होना पड़ता है। ऐसे में अगर आपने भी अभी तक रिटायरमेंट की प्लानिंग नहीं की है तो देर मत कीजिए। छोटी-छोटी प्लानिंग और निवेश आपको भविष्य में होने वाली परेशानी से बचा सकती है। ये आपको रिटायरमेंट के बाद भी वित्तीय सुरक्षा में मदद करेंगे।
PF के भरोसे ही रहना सही नहीं
ऐसा देखा जाता है कि लोग अपने रिटायरमेंट के लिए बचत नहीं कर पाते हैं। उनको लगता है कि PF और बीमा जैसे लाभ ही उनके लिए पर्याप्त होंगे। हालांकि ये आपकी रिटायरमेंट की सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाती है। इसीलिए आपको सक्रिय रहने और अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करने की जरूरत है। आप अपनी सैलरी का एक छोटा हिस्सा अपने लिए पर्याप्त रिटायरमेंट फंड को तैयार करने में उपयोग कर सकते हैं।
जल्दी शुरू करें रिटायरमेंट के लिए निवेश
रिटायरमेंट के लिए बचत शुरू करने का सबसे सही समय वह है जब आपको पहली सैलरी मिलती है। इस बात का ध्यान रखना एकदम जरूरी है, कि लंबे समय में की गई बचत में कम्पाउंडिंग की क्षमता होती है। जितना देर से बचत शुरू करेंगे तय रकम जोड़ने के लिए उतनी अधिक रकम निवेश करने की जरूरत होगी।
इंपॉर्टेंट है एसेट एलोकेशन
रिटायरमेंट प्लानिंग में हम अक्सर एसेट एलोकेशन के बारे में नहीं सोचते हैं। ऐसे लोग जिनका रिटायरमेंट 20 साल बाद होना है उन्हें पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा इक्विटी का सेव करना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में आपको पैसा बनाना है, यहां जोखिम लेकर आप कम्पाउंडिंग की मदद से बड़ी रकम जमा कर सकते हैं। ऐसे लोग जो 50 से अधिक उम्र के हैं वे अपने पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा डेट फंडों में निवेश करें। क्योंकि इसमें जोखिम बहुत कम होता है। उम्र बढ़ने के साथ या रिटायरमेंट की उम्र करीब आने के साथ आपको अपने पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन इक्विटी से डेट की ओर शिफ्ट कर देना चाहिए।
निवेश करने के तरीके
बैंक और पोस्ट ऑफिस कई ऐसी स्कीम्स लेकर आती है, जिनमें निवेश करके आप अपने लिए रिटायरमेंट फंड तैयार कर पाते हैं। इनमें PPF, रिकरिंग अकाउंट (RD) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम सहित दूसरी स्कीम्स शामिल हैं। इसके अलावा आप म्यूचुअल फंड स्कीम या स्टॉक मार्केट में भी निवेश कर आप लाभ पा सकते हैं। कई फंड हाउस रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अलग स्कीम चलाते हैं।