हाल ही में वैज्ञानिकों ने कैंसर का इलाज खोजने की उपलब्धि हासिल की है। जिसके बाद अब वैज्ञानिकों ने HIV/AIDS जैसी जानलेवा बीमारी का भी इलाज खोज लिया है। दरअसल इजराइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने एक ऐसी वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की है। जिसकी केवल एक खुराक से ही शरीर में वायरस खत्म हो जाएगा।
एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) यानी की एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस से होने वाली एक खतरनाक बीमारी है। तथ्यों की मानें तो यह वायरस चिम्पांजी से इंसान में 20वीं सदी में आया था। यह एक यौन रोग है और मरीज के सीमेन, वजाइनल फ्लुइड और खून के संपर्क में आने से फैलता है। फिलहाल एड्स का कोई परमानेंट इलाज उपलब्ध नहीं है।
कैसे तैयार हुई है वैक्सीन?
वैज्ञानिकों ने जीन एडिटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से इस वैक्सीन को तैयार किया है। फिलहाल चूहों पर इसका ट्रायल किया गया है। वैक्सीन में टाइप बी वाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाओं) का उपयोग किया गया। इनसे इम्यून सिस्टम में HIV वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज डेवलप होती हैं। जानने वाली बात यह है कि इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है और अपने आप वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं रह जाता है।
वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि इस दवा से बनने वाली एंटीबॉडीज सेफ और शक्तिशाली हैं। यह संक्रामक बीमारियों के अलावा कैंसर और बाकी ऑटोइम्यून बीमारियों से ठीक होने में भी इंसान की मदद कर सकता है।
कैसे काम करती है यह वैक्सीन?
टाइप बी वाइट ब्लड सेल्स ही हमारे शरीर में वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ इम्यूनिटी बूस्ट करते हैं। यह नसों के जरिए अलग-अलग अंगों में पहुंचते हैं। अब वैज्ञानिकों ने जीन एडिटिंग टेक्नोलॉजी CRISPR की मदद से इनमें बदलाव करना शुरू किया है।
CRISPR टेक्नोलॉजी
CRISPR एक जीन एडिटिंग तकनीक है। जिसकी मदद से वायरस, बैक्टीरिया या इंसानों के सेल्स को जेनेटिकली चेंज किया जा सकता है। रिसर्चर्स का ऐसा मानना है कि अगले कुछ सालों में AIDS और कैंसर का परमानेंट इलाज आ सकता है।
Leave a comment
Your email address will not be published. Required fields are marked *