ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक के बाद दिल की मरम्मत करने वाली तकनीक को तैयार किया है। जो कि एक खास तरह का बायोडिग्रेडेबल जेल है। वैज्ञानिक इसकी मदद से मरीजों के दिल की मांसपेशियों को रिपेयर करेंगे जिसमें वैज्ञानिक दिल को दोबारा मजबूत बनाने पर काम करेंगे। जिससे आगे जाकर हार्ट फेल होने का खतरा भी कम होगा। इस रिसर्च पर यूनिवर्सिटी ऑफ मेनचेस्टर और ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन काम कर रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में हर साल 1 करोड़ 79 लाख लोग दिल की बीमारियों के चलते अपनी जान गंवा देते हैं। ये पूरे विश्व का 32% है।
कैसे काम करेगा यह तकनीक
इस तकनीक को जेल पेप्टाइड्स नाम के अमीनो एसिड्स से तैयार किया गया है। इन्हें प्रोटीन का बिल्डिंग ब्लॉक कहा जाता है। रिसर्चर्स ने इस जेल में इंसान के सेल्स मिलाकर इस तरह प्रोग्राम किए, जिससे ये हार्ट की मांसपेशियों में बदल जाएं।
रिसर्च करती है कि, इस जेल को लिक्विड फॉर्म में ही मरीज के दिल में इंजेक्ट किया जा सकेगा। जेल के मदद से नए सेल्स (कोशिकाएं) दिल में जाते हैं और सॉलिड बनकर वहीं रुक जाते हैं।
चूहों पर की गई स्टडी
इस प्रयोग को फिलहाल चूहों पर किया गया है। वैज्ञानिकों ने यह देखा कि चूहे के दिल में इंजेक्ट करने पर जेल दो हफ्ते तक बरकरार रहा। दरअसल वैज्ञानिक सालों से हार्ट को नए सेल्स की मदद से दोबारा सेहतमंद बनाने की खोज कर रहे हैं। हालांकि, अब तक केवल 1% सेल्स ही दिल के अंदर पहुंचकर सर्वाइव कर रहे हैं।
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