Chhattisgarh Tourist places: प्राकृतिक रूप से खूबसूरत छत्तीसगढ़ में घूमने की कई लोकेशन्स हैं। इनमें से कुछ ऐसी जगह है जो बेहद रहस्यमयी हैं। जिनका रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं सका है। आज हम उनमें से 5 ऐसी जगहों का नाम बताने जा रहे हैं जहां आपको जरूर जाना चाहिए।
मैनपाट की जलजली
मैनपाट का जलजली एक ऐसी जगह है जो किसी अजूबे से कम नहीं है। इसका कारण है यहां की जमीन। इस जमीन पर पैर रखते ही यह हिलने लगती है। ऐसा लगता है जैसे नीचे दलदल हो और कुछ समय में ही जमीन धंस जाएगी। लेकिन जमीन को कोई नुकसान नहीं होता। वैज्ञानिकों का कहना है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस जमीन के नीचे कभी ज्वालामुखी का द्वार था। लेकिन अब तक इस डोलती जमीन के पीछे का असली कारण किसी को नहीं पता।
ठिनठनी पत्थर
अम्बिकापुर का ठिनठिनी पत्थर भी एक रहस्य है जिसे आज तक कोई सुलझा नहीं सका है। यह बड़े-बड़े पत्तरों का समूह है। इन पत्थरों की खास बात यह है कि इनसे किसी धातु के बर्तन जैसी आवाजें आती है। ये पत्थर आपको अंबिकापुर से 12 किलोमीटर दूर दरिमा हवाई अड्डे के पास दिखेंगे। इन पत्थरों को दूसरे पत्थरों से टकराने पर ठिनठिन की आवाज आती है। खास बात यह है कि इसपर बैठकर बजाने पर भी इसकी आवाज में कोई बदलाव नहीं आता।
कुटुंबसर गुफा
कुटुंबसर गुफा जगदलपुर के पास स्थित है। यह जमीन से 55 फीट नीचे है। इस गुफा के अंदर का टेम्प्रेचर बाहर के टेम्प्रेचर से 10 से 15 डिग्री कम रहता है। यहां लगातार हो रहे पानी के रिसाव के कारण यहां गुफा से नीचे की तरफ लटकती हुई रचनाएं बन गई हैं। जब इन आकृतियों पर रोशनी पड़ती है तो यह बेहद चमकीली नजर आने लगती है।
इस गुफा में अंधी मछली भी पाई जाती है जो सिर्फ कुटुंबसर गुफा में ही मिलती है। दरअसल गुफा में बिल्कुल भी रोशनी नहीं आती। लगाता रोशनी के बिना रहने पर यहां की मछलियों के आंखों में झिल्ली की एक परत चढ़ गई है जिसकी वजह से वो स्थाई रूप से अंधी हो गई हैं।
फरसबहार नागलोग
छत्तीसगढ़ का फरसबहार नागलोग के नाम से प्रसिद्ध है। यहां सापों का बड़ा झुंड पाया जाता है। छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा सांप फरसबहार में ही मिलते हैं। यहा की भुरभुरी मिट्टी और गर्म हवा और प्राकृतिक परिस्थिती ऐसी है कि यह सांपों के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। यही वजह है कि यहां सांपो के जहरीले प्रजाति की बड़ी संख्या मौजूद है।
कांगेर घाटी
छत्तीसगढ़ की कांगेर घाटी एक बेहद सुंदर जगह है। यहां के प्राकृतिक दृश्यों, गुफाओं और घाटियों में जाकर कोई भी शख्स यहां की वादियों में खो सकता है। जगदलपुर 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांगेर घाटी नेशनल पार्क तीरथगढ वॉटर फॉल से शुरु होती है और पूर्व की तरफ ओडिशा की सीमा पर कोलाब नदी तक फैली हुई है। नेशनल पार्क के ठीक बीच से कांगेर नदी बहती है।