Highlights:
- हाइब्रिड वर्क कल्चर की तरफ बढ़ रही हैं आईटी कंपनियां
- कर्मचारियों को मिलेगी फ्लेक्सिबिलिटी
- माइक्रोसॉफ्ट 28 फरवरी से हाइब्रिड वर्किंग शुरू करेगी।
माइक्रोसॉफ्ट अपने कर्मचारियों के लिए हाइब्रिड वर्किंग शुरू करने जा रही है। ताकि कर्मचारियों को काम में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिल सके। इसके लिए कंपनी अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाना शुरू कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट 28 फरवरी से हाइब्रिड वर्किंग शुरू करेगी। माइक्रोसॉफ्ट अपनी कंपनी के कर्मचारियों को इसके लिए 30 दिन का समय देगी।
क्या है हाइब्रिड वर्किंग?
हाइब्रिड वर्क फ्रॉम होम से बिल्कुल उलट है। इसके लिए कर्मचारी किसी वर्क स्टेशन में बैठकर दुनिया के किसी भी कोने में मौजूद कंपनी के लिए काम कर सकता है। इसके लिए कर्मचारी को किसी दूसरे देश में स्थित कंपनी में अपने देश में ही रहकर काम करने की सुविधा मिल पाएगी। कर्मचारी को वहां जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए कंपनी कर्मचारी के आस पास ही एक वर्क स्टेशन बनाएगी।
कोरोना महामारी के बाद से ही माइक्रोसॉफ्ट सहित सभी बड़ी आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए हाइब्रिड वर्किंग का ऑप्शन देख रही थी। और अब माइक्रोसॉफ्ट इस सुविधा को शुरू करने जा रही है। ऑफिस खोलना चाह रहीं थी।
हाइब्रिड वर्क कल्चर से कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, क्रिस कैपोसेला ने यह कहा है कि- 28 फरवरी से काम करने के नए तरीके हाइब्रिड वर्किंग में शिफ्ट हो जाएंगे इसके लिए कर्मचारियों को 30 दिन का टाइम दिया जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों को ऑफिस भी बुलाया जाएगा। हाइब्रिड वर्किंग से यह प्रयास रहेगा कि कर्मचारियों को ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिले। अब कर्मचारियों को यह चुनने का मौका मिलेगा वे कब और कहां से काम करना चाह रहे हैं। फिलहाल वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को अब अप्रुवल लेना होगा। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए ऑफिस आने और घर जाने के लिए बस और कैब शेयरिंग सुविधा भी शुरू होगी।