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Highlights:
- आरबीआई ने ई-रुपी की लिमिट बढ़ाई
- 10 हजार की जगह 1 लाख तक होगी लिमिट
आरबीआई ने e-RUPI को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। इसके अंतर्गत अब डिजिटल पेमेंट ई-रुपी की लिमिट को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख तक कर दी गई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए यह बात कही कि ग्राहकों के फायदे के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही दास ने यह भी बताया कि ई-रुपी के दूसरे उपयोगों को भी मंजूरी दी गई है। कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के द्वारा ई-रुपी को लॉन्च किया था।
ई-रुपी क्या है?
NPCI ने कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस भुगतान के एक नए टूल के रूप में ई-रुपी (e-RUPI) को बनाया था। ई-रूपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त 2021 को लॉन्च किया था। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ई-रुपी को लॉच किया गया था। सरकार का मानना है कि ई-रुपी के जरिए योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचेगी। ई-रुपी के लिए लाभार्थी के पास बैंक खाता होना जरुरी नहीं है यह एक प्रीपेड ई-वाउचर की तरह है।
कैसे करता है काम e-RUPI?
ई-रुपी से आसानी से पेमेंट ऐप और इंटरनेट बैंकिंग के बिना ही पैसों का लेन-देन किया जा सकता है। यह ऐसा डिजिटल प्रीपेड वाउचर है, जो कस्टमर को उसके फोन पर SMS या QR कोड के रूप में मिलता है। इसे गिफ्ट वाउचर की तरह ही समझ सकते हैं। ग्राहक कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के बिना ही यह वाउचर रिडिम कर सकते हैं। यह डिजिटल करेंसी नहीं है। इसकी खास बात यह है कि जिस काम के लिए ई-रुपी दिया जाएगा उसका उपयोग भी
उसी काम में किया जाएगा। जैसे अगर सरकार किसानों को खाद खरीदने के लिए ई-रुपी के जरिए पैसा दे रही है तो इस राशि से केवल खाद ही खरीदा ज सकेगा। ई-रुपी किसी भी बैंक के द्वारा जारी किया जा सकता है। इसमें लाभार्थी की पहचान मोबाइल फोन के जरिए की जाती है। जिसके नाम पर ई-रुपी में पैसा मिलेगा, वही इसका उपयोग कर सकेगा।
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