दिल्ली की सांची बंसल ने ‘शीस्टेम इंस्टा-रील्स चैलेंज’ का अवार्ड जीता है। स्वीडन इंडिया नोबेल मेमोरियल वीक 2021 (Sweden India Memorial Week) के तहत छात्रों के लिए ‘शीस्टेम इंस्टा-रील्स चैलेंज’ (#Shestem Insta Reels Challenge) आयोजित की गई।
स्वीडन Embassy और अटल इनोवेशन मिशन की संयुक्त पहल
भारत में स्वीडन के Embassy और अटल इनोवेशन मिशन की यह संयुक्त पहल है जो युवा लड़कियों और महिलाओं के लिए ‘स्टेम’ शिक्षा के महत्व पर काम कर रही है। साल 2021 के लिए 13-17 आयु वर्ग के छात्रों के लिए ‘इंस्टाग्राम रील्स चैलेंज’ के साथ ‘शीस्टेम’ की शुरुआत हुई थी। इस कॉम्पीटीशन में संदेश के तौर पर कहा गया कि “2040 तक तेजी से आगे बढ़ें। एक स्टेम (Science, Technology, Engineering, Mathematics) नेता के रूप में दुनिया को एक बेहतर जगह कैसे बना रहे हैं?”
Organizers को मिलीं 600 एंट्रीज
भारत में स्वीडिश राजदूत क्लास मोलिन ने बताया कि “लगातार दूसरे शीस्टेम आयोजन के साथ, हम भारत के साथ, नीतियों और विकास पहलों को शुरू करने की हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।” इस कॉम्पीटिशन के लिए आयोजकों को कुल 600 प्रविष्टियां मिलीं थी। प्रथम पुरस्कार विजेता सांची बंसल को एक टैबलेट मिला है। उन्होंने बतौर ‘2040 शीस्टेम’ नेता एक वीडियो बनाया, जिनकी स्वच्छ ऊर्जा कंपनी, ग्रीनटेक सॉल्यूशंस ने पर्यावरण के अनुकूल तकनीक का प्रोडक्शन किया।
इस कॉम्पीटिशन में बंसल के बाद अंकुर मुखर्जी और एस राजेश तिवारी को दूसरा स्थान मिला और शौर्य करमाकर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। आयोजकों की तरफ से कहा गया है कि, “अंकुर मुखर्जी ने ग्लेशियरों के पिघलने के मुद्दे को हल करने में दुनिया की मदद करने की तरफ काम किया है, जबकि एस राजेश तिवारी ने समुद्री वनस्पतियों के बचाव के लिए काम किया है।” वहीं “तीसरे पुरस्कार के विजेता शौर्य ने डॉक्टरों के साथ मिलकर सौर उड़ान एम्बुलेंस के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर नजर रखने वाली एक चिप को पेश किया है जो स्वास्थ्य उद्योग को एक अनूठा समाधान देगा।”
स्वीडन Embassy और अटल इनोवेशन मिशन की यह संयुक्त पहल छात्रों को एक बेहतर प्लेटफॉर्म दे रहा है जिससे वह तकनीकों का उपयोग कर फ्यूचर को और भी बेहतर बना सकते हैं।