![]()

महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप (Women's World Boxing Championships 2023) को भारत तीसरी बार होस्ट कर रहा है। 74 देशों के 350 महिला मुक्केबाज इस प्रतियोगिता में उतर रहे हैं, जो कि अब तक की सबसे बड़ी प्रतियोगिता मानी जा रही है। भारत के लिए ये और खास है क्योंकि भारत तीसरी बार विश्व प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। मुक्केएबाजी के इस सबसे बड़े आयोजन की शुरुआत नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हो चुकी
है।
भारत को तीसरी बार मेजबानी
2006 और 2018 के बाद भारत 2023 में तीसरी बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। इसके साथ ही भारत सबसे ज्यादा बार वर्ल्ड चैंपियनशिप को होस्ट करने वाला देश बन गया है। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (IBA) के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि- “भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है और अब हम एक साथ ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बनने वाले हैं। “उन्होंने कहा कि चैंपियनशिप में आमतौर पर 250 से 260 मुक्केबाज हिस्सा लेते हैं लेकिन इस साल यह बहुत बड़ी चैंपियनशिप होगी।
74 देशों के 350 से अधिक मुक्केबाज ले रहे हैं हिस्सा
वर्ल्ड चैंपियनशिप बॉक्सिंग का यह टूर्नामेंट 13वां संस्करण है, जिसमें लगभग 74 देशों के 350 से अधिक मुक्केबाज पार्टिसिपेट करेंगे। भारत की तरफ से इस चैंपियनशिप में 12 मुक्केबाजों की भारतीय टीम उतरेगी, जिसमें 2020 टोक्यो कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) और 50 किग्रा वर्ग में मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन भी शामिल हैं।
मैरी कॉम ब्रांड एंबेसडर
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिए दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और बॉलीवुड स्टार फरहान अख्तर को ब्रांड एंबेसडर बनाने की जानकारी दी। इसके अलावा महिंद्रा ऑटोमोटिव इस चैंपियनशिप का टाइटल स्पॉन्सर है। यह टूर्नामेंट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 15 से 26 मार्च के बीच खेला जा रहा है। भारत इस चैंपियनशिप के इतिहास में सर्वाधिक तीसरी बार मेजबानी कर रहा है इस लिहाज से भारत की मुक्केबाजी पर दुनिया की नजर है।
निकहत जरीन से उम्मीदें
निकहत जरीन, फिलहाल अपने बेहतरीन फॉर्म में हैं। उन्होंने पिछले साल स्ट्रैंड्जा मेमोरियल, विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में जीतकर इतिहास रचा था। इस बार भारतीयों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। निकहत ने 50 किग्रा वर्ग में पूर्णकालिक बदलाव किया है, लेकिन इससे उसके खेल में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा क्योंकि उसने राष्ट्रमंडल खेलों में 50 किग्रा में गोल्ड हासिल किया था।
Leave a comment
Your email address will not be published. Required fields are marked *