‘वर्क प्रोडक्टिविटी’ चाहते हैं तो अपने को-वर्कर्स के साथ शेयर कीजिए खाना, मिलते हैं इसके कई फायदे !



हम कितने ही व्यस्त हों, ऑफिस के काम से तनाव हो, स्कूल-कॉलेज में किसी से छोटी-मोटी अनबन हो, लेकिन बावजूद इसके लंच टाइम में जब टिफिन खुलता है तब सब एक साथ होते हैं। लंच करने का समय चाहे स्कूल का हो या ऑफिस का, सुकून और शांति देता है। भले ही ये एक बात हो लेकिन, अब रिसर्च भी इसे सही साबित कर रही है कि- अपने को-वर्कर्स के साथ खाना खाने से ऑफिस के कामों में प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। पर्सनल लेवल पर सकारात्मक सोच तो डेवलप होती ही है साथ ही कंपनी को भी इससे कई तरह के फायदे मिलते हैं।

दरअसल कॉर्नेल क्रॉनिकल को सबमिट की गई ‘ग्रुप्स दैट ईट टुगेदर परफॉर्म बेटर टुगेदर’ नाम के एक शोध से यह खुलासा हुआ है कि जो स्टाफ एक साथ खाना खाते हैं, उनकी वर्क प्रोडक्टिविटी काफी बूस्ट होती है यानी कि वे काम को और बेहतर तरीके से करते हैं।

बिजी शेड्यूल से वक्त निकालकर लंच करें साथ

इस शोध के माध्यम से यह बताया गया है कि ऑफिस में काम करते वक्त अपने खाने पर ध्यान देना बाकी कामों की तरह ही बहुत जरूरी टास्क है। सिर्फ काम पर ध्यान देकर और खाने को इग्नोर करके आप कभी-भी वर्क प्रोडक्टिविटी बूस्ट नहीं कर सकते हैं। फिर चाहे काम का भार कितना ही क्यों न हो, आपको अपने भोजन के लिए हमेशा समय निकालना ही चाहिए। स्टडी यह भी कहती है कि अगर आप अपनी टीम के साथ खाना खाते हैं तो यह आपके काम की प्रोडक्टिविटी सुधारने में हेल्प करता है।

खाने के लिए ब्रेक लेना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिनभर लैपटॉप और लगातार कॉल अटेंड करना या मीटिंग्स में रहना आपको थकाने वाला होता है। थकान कई बार दिमाग को सुस्त कर देती है, जिसकी वजह से चाहकर भी हमारा काम में मन नहीं लगता है। वहीं अपने डेस्क पर अकेले खाना खाने के बजाय आप अपनी टीम के साथ लंच करने से ज्यादा रचनात्मक और सकारात्मक तरीके काम करते हैं। इसके अलावा यह आपके काम को भी इंम्प्रूव करता है।

रिसर्च के मुताबिक को-वर्कर्स के साथ लंच करने के कई हैं फायदे

• को-वर्कर्स के साथ लंच करने से आप कुछ देर के लिए अपना पूरा वर्कलोड और टेंशन भुल जाते हैं। को-वर्कर्स के साथ लंच ब्रेक लेने से आपके दिमाग और शरीर को काफी सुकून और आराम मिलता है।

• टीम के साथ बैठकर खाने से छोटे-मोटे आपसी तनाव खत्म होते हैं। आप अपने आस-पास के लोगों को पर्सनली भी जानते हैं। इस दौरान आप लोगों की पर्सनालिटी, ओपिनियन, फैमिली, शौक और भी कई बातों के बारे में भी जानते हैं।

• इस दौरान आप अपनी टीम के साथ वक्त गुजारते हैं तो आप उनके साथ पर्सनल रिलेशन्स भी डेवलप करते हैं। यही रिलेशन्स ऑफिस के काम को सुखद और प्रोडक्टिव बनाने का काम भी करते हैं।

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Dr. Kirti Sisodhia

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