आजादी के बाद पहली बार ग्रामीणों ने मनाया गणतंत्र दिवस
सेना के जवानों के साथ सुकमा के पोटकपल्ली गांव में पहली बार मनाया गया गणतंत्र दिवस
नक्सल प्रभावित है सुकमा जिले का पोटकपल्ली गांव
Republic Day: गणतंत्र दिवस का मतलब ही है ‘भारत के लोग, भारत के लिए’ दुनिया में भारत का संविधान सबसे समृद्ध और सबसे बड़ा है। जो अपने नागरिकों को सुरक्षा, समानता और सम्मान से जीने का अधिकार देती है। यही सुरक्षा अब छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के सुकमा के आदिवासियों को मिल रही है। दरअसल सरकार की कोशिशों से अब यहां के आदिवासी शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ ले पा रहे हैं और इसमें सबसे बड़ा हाथ है यहां पर तैनात सेना के जवानों का वहीं अब सुकमा के एक गांव में आजादी के बाद पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया।
दरअसल आजादी के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सुदूर क्षेत्र में स्थित और अति नक्सल प्रभावित रहे पोटकपल्ली गांव में इस साल पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया। समारोह में सीआरपीएफ के साथ ग्रामीणों बड़ी संख्या में इसका हिस्सा बनें।
ये जानना बेहद दिलचस्प और जरूरी है कि पिछले साल ही सीआरपीएफ ने एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) को यहां स्थापित किया था। सीआरपीएफ के अनुसार छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पोटकपल्ली ग्राम पंचायत में पहली बार खुद के स्तर पर गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित हो रहा है। पहले यह गांव नक्सलियों के प्रभाव में होने के कारण मुख्यधारा से कटा हुआ था।
लेकिन अब सरकार और सेना के जवानों की मदद से आजादी के बाद पहली बार संयुक्त सुरक्षाबल कैम्प पोटकपल्ली एवं ग्राम पंचायत के नागरिकों ने साथ मिलकर देश के 74वें गणतंत्र दिवस का आनंद लिया। ग्रामीणों ने उत्साह और उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस सेलीब्रेट किया।