DMart क्यों है मिडिल क्लास के लिए शानदार ऑप्शन और क्या है इनकी सफलता की रणनीति !



राधाकिशन दमानी (RADHAKISHAN DAMANI) वो नाम है जो मिडिल क्लास के बीच काफी पॉपुलर हैं। वे डी मार्ट (DMart) रिटेल कंपनी के संस्थापक हैं। आज डी मार्ट (DMart) अपनी काबिलियत और अच्छी सर्विस के दम पर लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस लेख से हम आपको बता रहा हैं कि कौन हैं देश के वैल्यू इन्वेस्टर राधाकिशन दमानी और क्या है उनके सफलता के पीछे की रणनीति…

राधाकिशन दमानी (RADHAKISHAN DAMANI)

सिंगल रूम अपार्टमेंट में बड़े हुए दमानी ने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है। लेकिन अपनी मेहनत के दम पर आज वे दुनिया के 98वें सबसे अमीर शख्स हैं। 5000 रुपये से निवेश करने वाले दमानी को ‘रिटेल किंग’ के नाम से जाना जाता है।

जानें राधाकिशन की पूरी कहानी

राधाकिशन दमानी (RADHAKISHAN DAMANI) की सफलता की रणनीति

डी मार्ट (DMart) ने हाल में ही अपने नतीजे घोषित किए थे, जिसके मुताबिक उन्होंने 16 अरब रुपए का मुनाफा कमाया है। डी मार्ट (DMart) ने देश की सभी रिटेल ब्रांड को पीछे कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके डी मार्ट (DMart) अपने ग्राहकों को शानदार डिस्काउंट देने की क्षमता रखता है। डी मार्ट (DMart) की इस सफलता के कई फैक्टर्स हैं।

जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

राधाकिशन दमानी के डी मार्ट (DMart) को आप हमेशा कोई साधारण बिल्डिंग के रूप में ही देखेंगे। यहां कोई फैंसी बिल्डिंग, फाइव स्टार एंबिएंस, महंगे लग्जरी रूम नहीं होते हैं। डी मार्ट (DMart) अपने स्टोर को खोलते समय सिर्फ इतना ही ध्यान रखते हैं कि वहां सिर्फ जरूरी चीज हो। उन्हीं चीजों का उपयोग किया जाता है जो ग्राहकों को सेवा देने के लिए जरूरी हैं।

मार्केटिंग पर नाममात्र खर्च

राधाकिशन दमानी के डी मार्ट (DMart) के लिए कोई बड़ा एडवरटाइजिंग कैंपेन या महंगे मीडिया प्लान नहीं किए जाते हैं। इसके साथ ही चैनल एफिलिएट खर्च के रूप में भी बहुत ध्यान नहीं देते हैं। d-mart बहुत ज्यादा खर्च नहीं करती। d-mart सिर्फ सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच के बारे में जानकारी देती है.

प्राइसिंग स्ट्रेटजी में बैलेंसिंग

डी मार्ट (DMart) एवरीडे लो प्राइसिंग स्ट्रेटजी पर ज्यादा फोकस करती है और यह इसलिए हो पाता है क्योंकि वे अपने वेंडर को तुरंत पेमेंट करते हैं। बता दें कि डी मार्ट (DMart) के वेंडर को पेमेंट देने का समय 10 दिन तय है जबकि आमतौर पर रिटेल कंपनियां 30 से 90 दिन का क्रेडिट समय लेती हैं। यही वजह है कि डी मार्ट (DMart) को वेंडर से मोलभाव करने में आसानी हो जाती है। डी मार्ट (DMart) थोक में खरीदारी करती है और उसे उस खरीदारी में अच्छी कीमत भी मिलती है।

कई तरह की सेवा उपलब्ध

लोगों की बार-बार की जरूरत को ध्यान में रखकर ही डी मार्ट (DMart) की सेवाओं को संचालित किया जाता है। मांग के हिसाब से या अधिक जरूरी चीजों पर खर्च करने से डी मार्ट (DMart) बच जाती है।

लो मार्जिन हाई वॉल्यूम डी मार्ट (DMart) की पहचान

d-mart अपना मार्जिन औरों से काफी कम रखती है। ऊपर जिन रणनीतियों के बारे में हमने बात की है उन तरीकों की मदद से d-mart को अपनी कीमत कम रखने में हेल्प मिलती है। इसीलिए वह ग्राहकों को भारी डिस्काउंट देने में सक्षम हो पाती है। इससे कारोबार में वॉल्यूम बढ़ता है और उसका मुनाफा भी। ये स्थिति ग्राहक और d-mart दोनों के लिए win-win सिचुएशन के तौर पर काम करता है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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