बंजर जमीन को दे सकते हैं व्यवसाय का रूप, जानें कैसे ले सकते हैं बिना फसल वाली जमीन से आर्थिक लाभ !




Agriculture land: खेती आजकल सिर्फ फसल का साधन नहीं रह गई है। बल्कि खेती कर किसान बड़े व्यवसायी बन रहे हैं। पर कई बार ऐसा होता है कि किसान के पास जो जमीन है उस पर फसल नहीं लगा पाता। इसके कई कारण हो सकते हैं। वहीं समय के साथ खेती कई बार बंजर भी हो जाती है। जिससे किसान कोई लाभ नहीं ले पाता है। लेकिन इस लेख के जरिए हम उन किसानों को बताएंगे कि कैसे वे बंजर पड़ी जमीन से भी आय का सृजन कर सकते हैं।

फसल की जगह लगा सकते हैं पेड़ लगाकर

कई लोग कब्जा होने के डर से अपने गांव की जमीन को पट्टे या लीज पर डालते हैं। ऐसे कई असामाजिक तत्वों द्वारा खेत-खलिहान हड़पने का खतरा भी होता है। लेकिन किसान चाहे तो इस जमीन पर Long Term Investment यानी भविष्य के लिए निवेश कर सकता है। बाजार में लकड़ी की डिमांड बढ़ती ही जा रही है, ऐसे में अगर इस पर फलदार या लकड़ी का प्रोडक्शन देने वाली पेड़ों को लगाया जाए तो फलदार पेड़ सालों साल आमदनी देते हैं। वहीं लकड़ी के पेड़ों को एक बार लगाने से भविष्य में अच्छी आमदनी भी ली जा सकती है। किसान चाहे तो आम, अमरूद या ड्रैगन फ्रूट की बागवानी या फिर चंदन से लेकर शीशम , पोपलर, सांगवान, महानीम, चन्दन , महोगनी, खजूर के पेड़ भी लगा सकता है।

सोलर प्लांट लगवाकर ले सकते हैं लाभ

भविष्य सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का है। किसान अपनी खाली पड़ी जमीन पर सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा प्लांट भी लगवा सकता है। इससे उत्पादित बिजली सरकार या निजी कंपनियों को बेचकर अच्छी आमदनी की जा सकती है। किसान अगर खुद ऐसा नहीं कर सकता तो निजी कंपनियों के साथ कांट्रेक्ट साइन करके भी सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन लीज पर दे सकता है। बदले में ये कंपनियां किसान को हर महीने एक निश्चित किराए का भुगतान करती रहेगी।

ग्रीनहाउस-पॉलीहाउस खेती

इन दिनों पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस में आधुनिक खेती का ट्रेंड बढ़ा है। किसान चाहें तो इस ट्रेंड से जुड़कर अपने खेतों में पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस तैयार कर सकता है। जिसमें खेती-किसानी के लिए गांव के ही मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा। अच्छी बात यह है कि ऐसे संरक्षित ढांचे लगाने के लिए सरकार भी आर्थिक मदद और ट्रेनिंग की सुविधा भी प्रोवाइड करवाती है। इस बिजनेस आइडिया पर आगे बढ़ने के लिए किसानों को अपनी करीबी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विभाग के कार्यालय से जानकारी मिल सकती है।

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Dr. Kirti Sisodhia

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