नागपुर के इस डबल डेकर पुल का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज


विंटर कैपिटल या ऑरेंज सिटी के नाम से देशभर में मशहूर नागपुर शहर का नाम अब ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज हो गया है। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और महा मेट्रो की टीम द्वारा नागपुर में बनाये गए हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो रेल के साथ सिंगल कॉलम पर समर्थित सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट (3.14 किलोमीटर) को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने NHAI और महा मेट्रो की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में NHAI और महा मेट्रो को एकल स्तंभ पर समर्थित हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो के साथ सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट (3.14 किलोमीटर) का निर्माण करके नागपुर में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल करने पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘इस परियोजना को पहले ही एशिया बुक और इंडिया बुक से रिकॉर्ड हासिल हो चुका है। अब यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करना वास्तव में 
हमारे लिए गर्व का क्षण है।’

उन्होंने आगे कहा कि वह उन अविश्वसनीय इंजीनियरों, अधिकारियों और श्रमिकों को दिल से धन्यवाद और सलाम करते हैं, जो इसे संभव बनाने के लिए चौबीसों घंटे लगे रहे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस तरह का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के वादे को पूरा करना है।

क्या है इस ‘डबल डेकर वायाडक्ट’ की खासियत?

गौरतलब है कि वर्धा रोड पर बने 3.14 किलोमीटर लंबे इस डबल डेकर वायाडक्ट में कुल तीन मेट्रो स्टेशन हैं जिसमें छत्रपति नगर, जयप्रकाश नगर और उज्जवल नगर शामिल हैं। इन स्टेशनों की इंजीनियरिंग विचार प्रक्रिया, अवधारणा, डिजाइन और क्रियान्वयन किसी चुनौती से कम नहीं था। जब शुरुआत में इस परियोजना की परिकल्पना की गई थी तब हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो रेल का संरेखण वर्धा रोड पर एक ही मौजूदा हाईवे पर था, जिसमें माध्यिका पर प्रस्तावित वैकल्पिक स्थानों पर स्वतंत्र पियर (Independent Piers) थे। बाद में, इसकी समीक्षा की गई और डबल डेकर वायाडक्ट बनाने के लिए राजमार्ग फ्लाईओवर और मेट्रो रेल को एकीकृत करने का निर्णय लिया गया।

आपको बता दें कि यह डबल डेकर वायडक्ट पहले स्तर पर हाईवे फ्लाईओवर और दूसरे स्तर पर मेट्रो रेल को वहन करता है, जिससे यह जमीनी स्तर पर मौजूदा राजमार्ग के साथ त्रि-स्तरीय परिवहन प्रणाली बन जाती है। इसके अतिरिक्त यह परियोजना भूमि अधिग्रहण से बचने में मददगार है, जिससे भूमि लागत की बचत होने के साथ-साथ निर्माण समय और परियोजना लागत में भी कमी आई।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लंदन के एक बयान के अनुसार, “नागपुर, महाराष्ट्र में वर्धा रोड पर 3.14 किमी का डबल-डेकर वायाडक्ट 5 मार्च 2019 को मेट्रो रेल यातायात द्वारा शुरू किया गया था और 13 नवंबर 2020 को राजमार्ग यातायात के लिए, किसी भी मेट्रो रेल प्रणाली पर सबसे लंबा डबल डेकर वायाडक्ट बन गया है।” इसके अलावा इस 3.14 किलोमीटर लंबे डबल डेकर वायाडक्ट को पहले ही एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा एशिया और भारत में सबसे लंबी संरचना के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है।

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Dr. Kirti Sisodhia

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