भारत में सोना काफी शुभ माना जाता है। पुराणों और प्राचीन भारतीय परंपरा के मुताबिक शुभ अवसरों सोना खरीदना और उपहार दिया जाता है। लेकिन बदलते समय और ट्रेंड की वजह से अब त्यौहारों को सेलीब्रेट करने का तरीका भी बदला है। यानी कि त्यौहारी सीजन का चार्म अब टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के चलते काफी यूनिक हो गए हैं। खरीददारी और लेनदेन में डिजीटल माध्यम का उपयोगा काफी आम हो गया है, लेकिन अगर बात डिजीटल गोल्ड की होगी तो यही लगेगा कि भला डिजीटल गोल्ड किस काम आएगा और कैसे क्या यह वाकई में वास्तविक गोल्ड की तरह होगा।
क्या है डिजीटल गोल्ड और सिल्वर एसआईपी ?
डिजीटल गोल्ड की खरीददारी कहीं से भी की जा सकती है। उसके लिए आपके पास केवल इंटरनेट की सुविधा या मोबाइल बैंकिंग की जरूरत होगी। सोने या चांदी के एसआईपी का मतलब है कि आप हर महीने कम मात्रा में डिजिटल सोना और चांदी खरीद रहे हैं। SIP निवेश कम से कम 500 रुपये प्रति माह के साथ शुरू किया जा सकता है। इसमें अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है। उपभोक्ता एक साल से लेकर 10 साल तक के विभिन्न प्रकार के एसआईपी निवेश अवधि विकल्पों में से चुन सकता है। और एसआईपी कार्यकाल के आखिर में, कुल जमा डिजिटल सोने को नकद, सिक्का, बार या आभूषण में भुना सकता है। जब भी बात एसआईपी की आती है तो हम म्यूचुअल फंड के बारे में सोचते हैं। हालांकि, SIP के जरिए भी सोने और चांदी में निवेश किया जा सकता है। इसमें नियमित रूप से डिजिटल सोने और चांदी में एक निश्चित राशि का निवेश किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप एसआईपी के जरिए सोने में निवेश कर रहे हैं, तो आप चाहें तो यूनिट्स को ज्वैलरी के लिए भी रिडीम कर सकते हैं।
कैसे काम करता है डिजीटल गोल्ड?
डिजीटल गोल्ड को कई तरह से निवेश कर सकते हैं, जिनमें Paytm, GooglePay, PhonePe शामिल हैं। वर्तमान में तीन कंपनियां डिजीटल गोल्ड में निवेश की सुविधा दे रही है।
1-ऑगमोन्ड गोल्ड लिमिटेड ( Augmont Gold Ltd).
2.(एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) MMTC-PAMP India Pvt. Ltd.
3.डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड Digital Gold India Pvt/ Ltd
वैसे तो सुविधा के हिसाब से डिजीटल गोल्ड काफी सरल और सुविधाजनक माध्यम है लेकिन इसे लेकर आधिकारिक रूप से इसके लिए कोई रेगुलेटरी संस्था नहीं है। जैसे कि आरबीआई या फिर सेबी। इसीलिए इन माध्यमों को ध्यान में रखकर ही निवेश करें।