इंटरनेट, सोशल मीडिया और डिजीटल लाइफस्टाइल हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो गया है। लेकिन क्या कभी हमने इससे होने वाले नुकसान का अदांजा लगाया है। दरअसल किसी वेबसाइट का इस्तेमाल करते वक़्त हम कई तरह के पॉपअप विज्ञापन देखते हैं। उनमें से कुछ तो असल में विज्ञापन होते हैं, लेकिन कुछ आपके कंप्यूटर तक वायरस पहुंचाने के लिए वहां होते हैं। एडवर्टाइजि़ंग की भाषा में इसे इसे मैलवेयरटाइज़िंग कहते हैं जिसे कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल किए गए दूसरे सॉफ्टवेयर को नुक़सान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है। हैकर्स वेबसाइट पर ऐसे विज्ञापन को दिखाते हैं जो काम के लगते हैं जैसे शॉपिंग डील्स या आपकी जरूरत की कोई चीज। पर जब आप ज्यादा जानने के लिए उस पर क्लिक करते हैं तो मैलवेयर आपके कंप्यूटर सिस्टम और डेटा को नुक़सान पहुंचा सकता है।
मैलवेयरटाइजि़ंग बारे में
मैलवेयरटाइजि़ंग के लिए एड की ज़रूरत होती है। इस एड में हैकर्स मलिशस स्क्रिप्ट जो कि एक तरह का एक तरह का कोड होता है उसे जोड़ते हैं। एड पर क्लिक करने पर उस स्क्रिप्ट पर क्लिक अपने आप हो जाता है और यह मैलवेयर कंप्यूटर तक पहुंचता है। कई बार आपके स्क्रीन पर एक पॉप-अप भी दिखाई देता होगा। जिसमें लिखा होगा ‘आपका सिस्टम 50 वायरस से इंफेक्टेड हुआ है। या ‘अपने कंप्यूटर को वायरस मुक्त रखने के लिए यह सॉफ्टवेयर अभी डाउनलोड कर लें। हैकर्स ऐसे आकर्षक विज्ञापनों से व्यक्ति को क्लिक करने पर मजबूर कर देते हैं।
ऐसे रहें सुरक्षित
कंप्यूटर के सभी सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें।
सॉफ्टवेयर्स को ऑटो डाउनलोड कर लें ताकि ये ख़ुद-ब-ख़ुद अपडेट होते जाएं।
वेबसाइट में किसी भी लिंक पर क्लिक करने या कुछ डाउनलोड करने एकदम बचें।
सुरक्षित या भरोसे के वेबसाइट से ही चीजें डाउनलोड करें।
साथ ही किसी भी वेबसाइट से कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड नहीं करें।
किसी वेबसाइट पर रोचक या काम का विज्ञापन दिखाई देता है, तो उस पर क्लिक करके के बजाय इंटरनेट पर उसकी जानकारी जुटा लें।
ई-मेल के ज़रिए भी मैलवेयरटाइजि़ंग होती है, ऐसे में ई-मेल में विज्ञापन या फोटो पर क्लिक करने से बचें।
डाउनलोड करने का संदेश दिखाने वाले पॉप-अप विंडो पर बिल्कुल भी विश्वास न करें। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।
गाना डाउनलोड करते वक़्त सावधान रहें।
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