RESEARCH: हाल ही में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि बच्चों के लिए वीडियो गेम्स काफी मददगार होते हैं। अगर पेरेंट्स ये सोचते हैं कि बच्चों पर वीडियो गेम्स के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं और उन्हें बच्चों की इस आदत को लेकर चिंता है, तो यह रिसर्च उन्हें राहत की सांस देगी। दरअसल इनका असर मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक जुड़ाव के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी होता है। एक अखबार में छपे रिसर्च के अनुसार जामा जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन कहती है कि बच्चों के लिए वीडियो गेम्स ब्रेन बूस्टर की तरह काम करते हैं।
स्टडी के लीड रिसर्चर एक साक्षात्कार में यह बताया है कि इससे पहले हुए शोधों में वीडियो गेम्स को डिप्रेशन और बढ़ते हुए गुस्से से जोड़कर देखा जा रहा था। इनमें से कुछ ही स्टडीज ऐसी थीं, जिनमें ब्रेन इमेजिंग की हुई थी।
2 हजार बच्चों पर किया गया रिसर्च
अध्ययनकर्ताओं की टीम ने अपनी रिसर्च में 2,000 बच्चों को शामिल किया था। जिनकी उम्र 9 से 10 साल के बीच थी। इन्हें ग्रुप्स को दो हिस्सों में बांटा गया था। पहले ग्रुप में वे बच्चे थे जिन्होंने कभी वीडियो गेम्स नहीं खेले और दूसरे में वो थे जो रोजाना तीन घंटे से ज्यादा वीडियो गेम्स में अपना समय बिताते थे। वैज्ञानिकों ने दूसरे ग्रुप के लिए इस अवधि को इसलिए चुना क्योंकि अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चों को एक से दो घंटे ही वीडियो गेम्स खेलें तो बेहतर है।
स्टडी में बच्चों को कई टास्क पर परफॉर्म करने को कहा गया। इनमें चेहरा मिलाना, स्टॉप सिग्नल दिखते ही बटन दबाना जैसे टास्क शामिल थे। रिसर्चर्स ने यह पाया कि वीडियो गेम्स खेलने वाले बच्चों ने सभी टास्क पर बेहतर परफॉर्म किए। वैज्ञानिकों का यह मानना है कि वीडियो गेम्स बच्चों के दिमाग को बेहतर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करते हैं। यह उनके लिए एक ब्रेन बूस्टर की तरह होते हैं।
रिसर्चर्स की टीम अब बड़े बच्चों पर यह अध्ययन करना चाहती है। उनका मानना है कि बच्चे की अच्छी प्रतिक्रिया के कारण वे वीडियो गेम्स में इनवॉल्व होते हैं या गेम्स के कारण उनकी प्रतिक्रिया अच्छी हो जाती है। आगे की स्टडीज में यह भी पता चल सकता है कि छोटे बच्चों में ज्यादातर एक्शन गेम्स खेलना ही क्यों शामिल होता है।
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