यूनीक क्यूआर कोड से भारत को स्मार्ट बनाने की शुरूआत दिल्ली से हो चुकी है। देश के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए चुना गया था। जिसमें New Delhi Municipal Council, NDMC ने दिल्ली में Smart Addressing का काम पूरा कर लिया हैं। राष्ट्रीय राजधानी में NDMC को लुटियन्स ज़ोन के नाम से जाना जाता हैं। इसके दायरे में आने वाले 50 हज़ार से अधिक मकानों को Unique alpha numeric code दिया गया हैं। इस unique code को NDMC Digital Door Number, NDDN नाम दिया गया है।
स्टील प्लेट से मिलेगी जानकारी
NDMC के दायरे में आने वाले हर भवन के बाहर एक छोटी-सी स्टील प्लेट लगाई गयी है। इस प्लेट पर NDDN अंकित है। इस प्लेट पर बने क्यू आर कोड से भवन की सारी जानकारी डिजिटल फॉर्म में मिल सकेगी।
स्टील प्लेट पर क्या होगी जानकारी?
इस डिजिटल क्यूआर कोड से ना केवल भवन का पानी, बिजली, गैस का बकाया बिल और प्रॉपटी टैक्स के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही इसके पुराने रिकॉर्ड की जानकारी भी इस क्यूआर कोड के जरिए निकाली जा सकती है।
Door to door कचरा इकट्ठा करने में करेगा मदद
यह यूनिक डिजिटल क्यूआर कोड ना केवल बिल के जानकारी के लिए इस्तेमाल की जा सकेगी बल्कि कचरा इकट्ठा करने में भी सहायक होगी। जब भी कचरा इकठ्ठा करने वाली गाड़ी दरवाजे के सामने से गुजरेगी तब गाड़ी पर लगा स्कैनर 15 मीटर के दायरे में आने वाले NDDN को स्कैन कर सकेगा। अगर किसी भी कारण से वह गाड़ी भवन पर नहीं रूकती हैं तो control room को इसकी जानकारी तुरंत लग जाएगी।
रायपुर शहर में भी दिखा स्मार्ट एड्रेसिंग प्लेट
नई दिल्ली के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भी स्मार्ट होने की राह पर है। रायपुर में भी एड्रेसिंग प्लेट के जरिए काम शुरू हो चुका है। शहर के देवेंद्र नगर इलाके के 2400 घरों में यह यूनिक स्मार्ट एड्रेसिंग प्लेट लगाई गयी है। हांलाकि यह अभी trial basis पर शुरु किया गया हैं। अगर 6 महीने के observation में इसका सफल परिणाम मिलता है तो शहर के ढाई लाख घरों में इसे लगवाने का कार्य शुरू किया जाएगा।