Beauty Contest: किसी भी ब्यूटी कॉन्टैस्ट में मेकअप (make-up) का अहम रोल होता है। अच्छा मेक-अप (make-up) मॉडल्स को और भी सुंदर बनाती हैै। लेकिन बिना मेकअप के मॉडलिंग सुनना काफी आश्चर्य से भरा लगता है। या फिर यह कह सकते हैं कि मेकअप का चलन सबसे ज्यादा तमाम ब्यूटी कॉन्टेस्ट से स्टार्ट हुआ है। इन कॉम्पिटिशन्स में शामिल होने के लिए लड़कियां जमकर मेकअप (make-up) करती हैं। अलग-अलग देशों में होने वाली सौंदर्य प्रतियोगिता हो या फिर मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स या फिर सौंदर्य से जुड़ी कोई भी प्रतियोगिता, इसमें भारी-भरकम मेकअप को चेहरे पर लगाना जैसे जरूरी ही लगता है। पर इंग्लैंड की एक युवा ने एक नई पहल की शुरूआत की है, जो काबिले तारिफ है।
Melisa Raouf की नेचुरल ब्यूटी से जुड़ी पहल
Melisa Raouf 20 वर्षीय युवती हैं, उन्होंने इंग्लैंड के ब्यूटी कॉन्टेस्ट में मिस इंग्लैंड के सेमीफाइनल राउंड में बिना मेकअप के भाग लिया। वहीं उसके इस कदम ने ब्यूटी कॉन्टेस्ट के प्रतिभागियों को भी काफी इंप्रेस किया। इतना ही नहीं मेलिसा अब फाइनल में पहुंच चुकी हैं।
Melisa Raouf, a 20-year-old politics student has wowed judges in the Miss England beauty pageant by going makeup-free. She wanted to make a statement about outer beauty. pic.twitter.com/9gGqwNOcjf
— Taffin (@Ballymoran) August 25, 2022
मेलिसा (Melisa Raouf) ने नेचुरल ब्यूटी को प्रमोट करते हुए फाइनल में जगह बना ली है। वहीं मेलिसा बेयर फेस राउंड की भी विजेता बनी हैं। इसमें प्रतिभागियों को नो फिल्टर-मेकअप की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालनी थी। पहले मेलिसा मेकअप करती थीं, लेकिन ब्यूटी कॉन्टेस्ट का हिस्सा बनने के लिए उन्होने मेकअप से दूरी बनाई। इस बारे में मेलिसा का कहना है, कि उन्हें नहीं लगता कि वो दुनिया के खूबसूरती के मापदंडों पर खरी उतरती हैं उन्होंने यह भी कहा कि- वे जैसी हैं खुद को वैसा ही स्वीकार करना सीख लिया है।
मेलिसा (Melisa Raouf) के बिना मेकअप सेमी फाइनल राउंड में पार्टिसिपेट करने को लेकर मिस इंग्लैंड कॉन्टेस्ट की निदेशक एंजी बेसल का कहना है- कि पहली बार हमने किसी प्रतिभागी को सेमी फाइनल राउंड में बिना मेकअप के भाग लेते देखा है। इसके अलावा भी वह कहती हैं कि, हमे भी मेकअप के पीछे का इंसान देखना है। मेलिसा का ये कदम साहस से भरा है। और वे उन तमाम लड़कियों के लिए संदेश भी दे रही हैं, जो सामाजिक दबाव के चलते मेकअप करती हैं। जो लड़कियां खुद को नेचुरल रूप में स्वीकार नहीं कर पातीं हैं उनके लिए ये प्रेरणा से भरा होगा।