EV POLICY: दिल्ली सरकार ने साल 2024 तक प्रत्येक 15 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए एक सार्वजनिक चार्जिंग केंद्र उपलब्ध कराने की कार्य योजना को विस्तार दिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए नयी नीति के दस्तावेजों के तहत, सरकार इस नीति के तहत बैटरी अदला-बदला सुविधा का संचालन करने वालों को प्रोत्साहन भी देगी।
दिल्ली सरकार की इस नीति में बिजली वितरण कंपनियों को भी शामिल किया गया है, जो ग्रिड पर ईवी चार्जिंग के प्रभाव के बारे में रिसर्च करेगी। दिल्ली सरकार ने 22 अगस्त को अपनी ईवी नीति (EV POLICY) के दो साल पूरे होने पर
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ‘चार्जिंग कार्य योजना’ जारी की है। इसे पहली बार 2020 में प्रस्तुत किया गया था।
EV POLICY वाली इस नीति का नाम ‘2022-25 के लिए चार्जिंग/ (बैटरी)अदला-बदली के बुनियादी ढांचे की कार्य योजना’ रखा गया है। नीति के तहत राज्य में बैटरी बदलने की सुविधा प्रदान करने वाले संचालकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
योजना में यह भी कहा गया है कि अगर वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है, तो बिजली संचालकों को खरीद प्रोत्साहन का 50 प्रतिशत तक यह सुनिश्चित करने के लिए मिलेगा, कि अंतिम उपयोगकर्ता को बड़ी जमा राशि का भुगतान नहीं देना पड़े।
दस्तावेज में यह कहा गया, ‘‘वाहन विनिर्माताओं को अपने अदला-बदली मॉडल को अलग से रजिस्टर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।’’
इसके अनुसार, ‘‘बैटरियों की लागत आमतौर पर कुल ईवी लागत का 40 से 50 फीसदी होती है और यह ईवी उपयोगकर्ता को बैटरी खराब होने के जोखिम से भी संरक्षण देती है। इसलिए, समाधान के रूप में बैटरी की अदला-बदली भारत के ई-वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने में मददगार हो सकती है’’
कार्य योजना में यह भी है कि नीति आयोग द्वारा 20 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित बैटरी अदला-बदला नीति के मसौदे और बाद के किसी भी संशोधन के साथ भविष्य के उपायों को भी ध्यान दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक 15 ईवी के लिए एक सार्वजनिक चार्जिंग केंद्र प्रोवाइड करवाने का है। चार्जिंग केंद्र का यह जाल पूरे दिल्ली में फैलेगा। और दिल्ली में कहीं से भी तीन किमी के भीतर एक चार्जिंग केंद्र स्थापित होगा।