मुश्किल परिस्थिति में अगर कोई गले भी लगा ले तो थोड़ी राहत मिलती है। दिमाग अपने आप सकारात्मक सोच की तरफ अग्रसर हो जाता है। अब वैज्ञानिकों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि गले लगाना वाकई तनाव से राहत देता है। और ऐसा महिलाओं के केस में ज्यादा होता है। 76 लोगों पर किए गए इस रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि जब किसी अपने को महिला गले लगाती है, तब उस व्यक्ति में कोर्टिसोल नाम का तनाव हॉर्मोन का कम प्रोडक्शन होता है। यह किसी पुरुष के गले लगाने से कम होता है या नहीं होता।
तनाव कम करना याददाश्त के लिए आवश्यक
अमेरिका के एरिजोना यूनिवर्सिटी में यह रिसर्च की गई। रिसर्चर्स के अनुसार, कोर्टिसोल मेमोरी पर प्रभाव डालती है। जो तनावपूर्ण कार्य को आगे और भी कठिन बना देता है। किसी व्यक्ति के द्वारा स्नेहपूर्वक तरीके से गले लगाने पर ऑक्सीटोसिन नाम के हॉर्मोन का प्रोडक्शन होता है। यह कोर्टिसोल के इफेक्ट को कम करता है।
2018 में भी एक ऐसी ही रिसर्च की गई थी। इसमें ये कहा गया था कि किसी नकारात्मक घटना के बाद किसी अपने के गले लगने से व्यक्ति काफी हद तक बेहतर महसूस करता है। वैज्ञानिकों का भी यह मानना है कि गले लगाने से पहले यह भी समझें कि सामने वाले को उसकी जरूरत है या नहीं, क्योंकि सामने वाले की मनोस्थिति ही गले लगने पर उसके असर को बात पाएगी। इस स्टडी के नतीजे नेचर जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
पुरुषों के गले लगने से कोर्टिसोल नहीं होता कम
रिसर्च कहती है कि, इसका सामाजिक कारण भी बहुत हद तक हो सकता है। कई पुरुष गले लगाने के बारे में उतना अच्छा महसूस नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें सामाजिक रूप से पुरुषों के लिए असामान्य या अजीब माना गया है। दूसरा कारण किसी महिला और पुरुष के बीच स्पर्श करने का भी मान सकते हैं।