CSIR: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद को पहली महिला चीफ मिल चुकी है। दरअसल वैज्ञानिक नल्लाथांबी कलाईसेल्वी को CSIR की पहली महिला महानिदेशक नियुक्त किया गया है। उन्होंने भारत में विज्ञान की दुनिया में उस मुकाम को प्राप्त किया है, जो आज तक किसी भी भारतीय महिला ने नहीं हासिल किया है। कलाईसेल्वी इलेक्ट्रोकेमिकल साइंटिस्ट और एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं। CSIR देश के सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जो पूरे देश की 38 रिसर्च आर्गेनाइजेशन को नियंत्रित करता है। यह भारत में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। साइंस की दुनिया में अबतक आमतौर पर पुरुषों का ही वर्चस्व ज्यादा रहा है ऐसे में यह महिलाओं के लिए बड़ी उपलब्धी है।
CSIR की चीफ का तमिलनाडू से है संबंध
CSIR की चीफ कलाईसेल्वी का संबंध तमिलनाडू से है। फिलहाल वे तमिलनाडु के कराईगुडी के CSIR की सेंट्रल इलेक्ट्रोकेमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर हैं। केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार उन्हें दो साल के लिए CSIR के डीजी पद पर नियुक्ति दी जाएगी।कलाईसेल्वी तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के एक छोटे से कस्बे अंबासमुद्रम से हैं। उन्होंने CSIR में कई छोटी-बड़ी जिम्मेदारियां संभाली हैं और फरवरी 2019 में CSIR-सीईसीआरआई की प्रमुख बनने वाली भी पहली महिला वैज्ञानिक बनी थीं।
CSIR चीफ के अलावा भी संभालेंगी कई जिम्मेदारियां
CSIR की प्रमुख रहते हुए वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) की सचिव का दायित्व भी संभालेंगी। नई जिम्मेदारी मिलते ही एन कलाईसेल्वी उन महिला वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हो गई हैं, जिसमें अंतरिक्ष संगठन और बायोटेक्नोलॉजी विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा चुकीं हैं। रिसर्च के क्षेत्र में कलाईसेल्वी की दिलचस्पी लिथियम और बगैर-लिथियम बैटरी, सुपरकैपेसिटर और वेस्ट-टू-वेल्थ के विचार से बने इलेक्ट्रोड और ऊर्जा भंडारण और इलेक्ट्रोकैटलिटिक ऐप्लिकेशनों के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स में है। फिलहाल में सोडियम-आयन/लिथियम-सल्फर बैटरी और सुपरकैपेसिटर के डेवलपमेंट में वह अपना योगदान दे रही हैं।
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