हर पेरेंट्स अपने बच्चे को पढ़ा लिखा कर बड़ा इंसान बनते
देखना चाहते हैं। सब की इच्छा होती है कि उनका बच्चा अच्छे स्कूल या कॉलेज जाए और
अपने पैरों पर खड़ा हो। पर आज के इस समय में महंगाई इतनी बढ़ गयी है कि स्कूल
कॉलेज की फीस भर पाना सब पेरेंट्स के लिए आसान नहीं होता और अगर वह बैंक से लोन
लेना चाहे तो इंटरेस्ट रेट इतना ज़्यादा होता है कि पेरेंट्स चाह कर भी अपने बच्चों
का अच्छे स्कूल कॉलेज में दाखिला नहीं करा पाते हैं। मिडिल क्लास परिवार या छोटी
आमदनी वालों की यह इच्छा कहीं ना कहीं अधुरी रह जाती है या फिर कई कठिनाईयों का
सामनो करनो पढता हैं । ऐसे ही पैरेंट्स की मदद के लिए महाराष्ट्र के दो भाई सामने
आए हैं। ये दोनों भाई बच्चो की पूरी फीस भर देते हैं जिनके पेरेंट्स आर्थिक
समस्याओ से गुज़र रहे हो।
सुनित गजभिये और रोहित गजभिये दोनों भाइयों ने मिलकर यह पहल
शुरू की है। वे दोनों मुंबई के रहने वाले हैं। 2017 में उन्होंने एक स्टार्टअप की
शुरुआत की। शुरूआती दिनों में वे पर्सनल लेवल पर लोगों की सहायता किया करते थे।
कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने एजुकेशन सेक्टर में लोगों की मदद करनी शुरू की।
वह कहते हैं कि स्कूल या कॉलेज का चयन पेरेंट्स ही करते हैं। देश के जिस भी
संस्थानों से उनका टाइअप है वहा बच्चे अपना दाखिला ले सकते है। जो भी बच्चे आर्थिक
समस्याओ के कारण पढाई करने में असमर्थ होते है उनके स्कूल या कॉलेज की पूरी फीस की
जिम्मेदारी दोनों भाई उठाते हैं। जिसके बाद पेरेंट्स इन्सटॉलमेंट में उन्हें पैसे
लौटा सकते हैं। इसके लिए वह किसी तरह का
ब्याज भी नहीं लेते हैं।
देश विदेश के कई संस्थानों से इनका टाइअप है। देश के लगभग
हर राज्य में उनकी टीम काम करती है। साथ ही भारत मे सात हज़ार से ज़्यादा संस्थान
उनसे जुड़े हुए हैं। गूगल ने भी उनके साथ इंक्यूबेट किया है।अबतक लगभग 2 लाख बच्चों
की वह फीस भर चुके हैं। इस काम लिए हर महीने करीब 50 करोड़ तक खर्च होता है। इसके
लिए इनके साथ कई इंवेस्टर्स भी जुड़े हुए हैं। वहीं कई बैंकों और फाइनेंशियल
सर्विसेज के साथ भी उनका टाइअप है। जो उन्हें फंड देने में मदद करते हैं।