‘जन-मन-गण’ सिर्फ
एक गीत नहीं है, बल्कि देश प्रेम का प्रतीक है। देश प्रेम की अलख जगाते इस गीत की रचना
गुरू रविंद्रनाथ टैगोर ने की है। लेकिन मन में जोश और ऊर्जा का संचार करने वाले इस
गीत के कंपोज़र के बारे में कम ही लोग जानते हैं। इस अनुपम कृति को सुंदर गीत का स्वरूप कैप्टन राम सिंह ठकुरी
ने दिया है। उन्होंने अपने संगीत प्रेम को देश प्रेम के साथ पिरोकर राष्ट्रगान को अमर
कर दिया।
कैप्टन राम सिंह ठकुरी और उनका
संगीत प्रेम
कैप्टन राम सिंह का जन्म 15 अगस्त 1914 को धर्मशाला के चीलगाड़ी
में हुआ था। कैप्टन राम सिंह बचपन से ही संगीत प्रेमी थे। वह जानवरों के सिंग से वाद्य
यंत्र बनाकर धुन निकालते थे। अपने संगीत प्रेम की वजह से ही कैप्टन राम सिंह 14 साल
की उम्र में गोरखा रायफल्स में शामिल हो गए। उन्होंने सेना के प्रसिद्ध ब्रिटिश संगीतकार
हैडसन और डेनिश से ब्रास बैंड, स्ट्रिंग बैंड और डांस बैंड का प्रशिक्षण लिया। कैप्टन
रोज़ से उन्होंने वायलीन बजाना सीखा।
भारत की आजादी में अहम भूमिका
कहते हैं जीत के लिए संसाधनों से ज्यादा जोश और आत्मविश्वास
जरूरी होता है। और भारतीयों के मन में यही जोश और आत्मविश्वास जगाया कैप्टन राम सिंह
ठकुरी ने। द्वितिय विश्वयुद्ध के बाद भारत की आज़ादी का संग्राम अपनी सीमा पर था। ऐसे
में राम सिंह ने अपनी प्रतिभा का उपयोग देश प्रेम के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने
ब्रिटिश सेना छोड़कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज को ज्वाइन कर लिया। वह
अपनी धुनों से भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाते थे। उन्होंने ‘कौमी
एकता’, ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ जैसे प्रसिद्ध गानों को अपनी धुन दी।
15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ तब कैप्टन राम सिंह के
नेतृत्व में आई.एन.ए के ऑर्केस्ट्रा ने लाल किले से “शुभ-सुख
चैन की बरखा बरसे” गीत की धुन बजाई। उनकी धुन से गांधीजी काफी प्रभावित हुए
। बाद में नेहरु के अनुरोध पर वह उत्तरप्रदेश आए जहां उन्हें आजीवन पीएसी के संगीतकार
की मानद उपाधि दी गई । 15 अप्रैल, 2002 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
स्वभाव से सरल और संगीत के प्रति प्रेम की बानगी आज भी लखनऊ
के पीएसी कॉलोनी में कही-सुनाई जाती है। वायरलेस चौराहे पर अक्सर वह सुबह-शाम वायलिन
पर धुन बाजाया करते थे। उनको जानने वाले बताते हैं, कि न ही देश की गुलामी का दौर और
न ही उम्र की सीमा उन्हें संगीत से अलग कर पाई। जब-जब राष्ट्रगान की धुन बजेगी कैप्टन
राम सिंह का देश प्रेम अमर होता रहेगा।