by admin
Date & Time: Aug 06, 2021 5:50 AM
Read Time: 1 minute31साल की सुमिता झारखंड के एक आदिवासी इलाके से आती हैं। आजकल
सुमिता अपने सामाजिक कार्यों की वजह से चर्चा में हैं। वह अपने और अपने जैसी और
महिलाओं के जीवन में रोशनी ला रही है। दरअसल सुमिता 12 साल से मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही हैं। साथ ही लोगों को
इसके दूरगामी प्रभाव और इससे लड़ने के लिए जागरूक भी कर रही है। झारखंड के पश्चिमी
सिंहभूम जिले में सुमिता ने मातृ और नवजात मृत्यु दर को कम करके 36 हजार से अधिक आदिवासी महिलाओं के जीवन को बदला है। जहां मानसिक स्वास्थ्य को
हमारा समाज इतनी गंभीरता से नहीं लेता है वहीं मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर
सुमिता ने पूरा एक अभियान चलाया है। इसके साथ ही सुमिता कुपोषण के खिलाफ महिलाओं
और बच्चों पर हो रहे अपराध को रोकने के लिए भी
कार्य करती हैं।
गरीबी और बीमारी से जंग जीत कर सुमिता झारखंड में एक
क्रांतिकारी स्वास्थ्य-परिवर्तन एजेंट के रूप में उभरी है। सीआईआई-फाउंडेशन के
द्वारा 2020 में उन्हे स्वास्थ्य की श्रेणी में 'वुमन एक्जाम्प्लर अवार्ड'
दिया गया था।
सामाजिक स्तर पर स्वयं कई समस्याओं का सामना करने के बावजूद
सुमिता अपनी परेशानियों से उबरीं और अब वह दूसरों के जीवन में रंग भर रही हैं।
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