कहते हैं कि अगर लक्ष्य को निर्धारित कर लिया जाए और उसके लिए दृढ़निश्चय कर मेहनत की जाए तो मंजिल मिल ही जाती है। और मंजिल को पाने वाली सुरभि की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। हिंदी मीडियम से पढ़ी सुरभि को कभी अंग्रेजी बोलने में परेशानी होती थी। लेकिन उन्होंने ठाना कि अपनी इस कमी को दूर करना है। और ज़िदगी के लिए बेहतर रास्ते बनाने हैं। बस फिर क्या था सुरभि ने भारत के सबसे कठिन परीक्षा UPSC पास की और बन गईं आईएएस सुरभि गौतम। जिनकी कहानी काफी दिलचस्प है-
मध्यप्रदेश से है सुरभि का संबंध
सुरभि गौतम मध्य प्रदेश में सतना जिले के अंदारा गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से ही की और 10वीं और 12वीं में राज्य की मेरिट लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया। इतना ही नहीं सुरभि जितने भी एग्जाम में बैठीं, सभी को पहले प्रयास में पास किया।
अंग्रेजी के सवालों का नहीं दे पाईं जवाब
कॉलेज की पढ़ाई के लिए सुरभि भोपाल चली गईं। इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान पहली क्लास में पूछे गए सवालों का अंग्रेजी में जवाब नहीं दे पाईं। ऐसे में सुरभि हीन भावना का शिकार हुई। लेकिन उन्होंने ठाना कि उन्हें अंग्रेजी सीखनी है। उन्होंने मेहनत की और सुरभि की मेहनत रंग लाई। ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर में उन्होंने टॉप किया। कॉलेज चांसलर ने सुरभि को अवॉर्ड भी दिया।
कई बड़ी परीक्षाओं को किया है पास
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सुरभि को TCS में प्लेसमेंट जॉब मिली, पर सिविल सेवा में जाने की इच्छा से उन्होंने जॉब छोड़ दी। सिविल सेवा की तैयारी के दौरान सुरभि ने कई एग्जाम जैसे ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC और दिल्ली पुलिस दिए और सभी में पास हुईं।
साल 2013 में सुरभि ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस एग्जाम दिया और आल इंडिया लेवल पर पहली रैंक लाईं। इसके बाद वे साल 2016 में सिविल सेवा एग्जाम क्रैक कर आईएएस बनीं। अपनी मेहनत की बदौलत सुरभि उस मुकाम है जो आज कई युवाओं का सपना है। उनकी मेहनत यह साबित करती है कि दृढ़संकल्प, आत्मविश्वास और मेहनत से हर चीज पाई जा सकती है।