फॉरेंसिक साइंस क्राइम और क्रिमिनल डिटेक्शन में रुचि रखने वालों के लिए बेहतरीन करियर ऑप्शन है।
फॉरेंसिक साइंटिस्ट अपराध और अपराधी की पहचान में अहम भूमिका निभाते हैं।
फॉरेंसिक साइंस में ग्रेजुएशन के लिए
12वीं में साइंस सब्जेक्ट होना जरूरी है।
इसमें 3 साल का ग्रेजुएशन और 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होता है।
फॉरेंसिक साइंस एंड लॉ या क्रिमिनोलॉजी में 1 साल का डिप्लोमा भी कर सकते हैं।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट को जिज्ञासु, सतर्क और मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए।
सैंपल लेने के लिए क्राइम स्पॉट पर जाने की चुनौती का सामना करना होता है।
जॉब के अवसर पुलिस, सीबीआई, डिटेक्टिव सर्विसेस और लीगल सिस्टम में होते हैं।
सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में फॉरेंसिक साइंटिस्ट की हमेशा मांग रहती है।
ऐकेडमिक्स में रुचि होने पर फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट में लेक्चरर बन सकते हैं।
क्राइम और इन्वेस्टिगेशन से जुड़ा यह क्षेत्र चुनौतियों से भरा होता है।
फॉरेंसिक साइंस करियर में रोमांच, रिसर्च और प्रगति के कई मौके मिलते हैं।