एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में एग्रीटेक सेक्टर ने 2019 में $ 244.59 मिलियन की कुल फंडिंग दर्ज की, जो 2018 के मुकाबले 350% से अधिक की वृद्धि है। पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप्स का तेज़ी से विस्तार हुआ है। हालाँकि अब भी देश के कृषि क्षेत्र में कई बुनियादी सुधारों की ज़रूरत है। लेकिन नई और आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रवेश से भारत के एग्रीकल्चर सेक्टर नई गति मिलने की पूरी उम्मीद नज़र आ रही है।
आज हम कुछ ऐसे स्टार्टअप्स के बारे में जानेंगे जो कृषि उद्योग जगत में आधुनिक तकनीक के ज़रिए क्रांति ला रहें और इनसे किस प्रकार रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
AgNext
इसकी शुरुआत 2016 में तरनजीत भामरा ने पंजाब में की थी। यह कंपनी कृषि और फ़ूड वैल्यू चेन में एफिशिएंसी की चुनौतियों को उनके Qualix Platform के द्वारा हल करने का कार्य करती है। Qualix Platform बेहद उन्नत तकनीक और अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डाटा का उपयोग करते हुए खाद्य की गुणवत्ता की जांच करके उसके स्रोत की जानकारी जुटाता है।
AgNext कृषि समुदाय में नवीनतम उच्च प्रभाव डिजिटल कृषि समाधान लाता है जो इस क्षेत्र से जुड़े हितधारकों को गुणवत्ता लाने के लिए, लागत कम करने के लिए और तकनीक का इस्तेमाल कर food traceability सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
वर्त्तमान में, AgNext 5 देशों में 15 मल्टिनैशनल कंपनियों और 3 बड़े उद्यम साझेदारों के साथ काम कर रही है, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1 लाख किसानों को प्रभावित करता है। यह कंपनी प्रमुख तौर पर भारत और अफ्रीका में अनाज, तिलहन, दालें, चाय, कॉफी, दूध, कोको, मिर्च, हल्दी, काली मिर्च, अदरक और पशु आहार पर केंद्रित है। इनकी दक्षिण अमेरिका और अन्य महाद्वीपों में विस्तार की भी योजना है।
Fasal
हॉर्टिकल्चर (बागवानी) के लिए Fasal का आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (A.I.) द्वारा संचालित IoT-SaaS प्लेटफॉर्म ऑन-फ़ार्म सेंसरों की मदद से फ़सल की परिस्थितियों पर रियल-टाइम डेटा इकठ्ठा कर क्षेत्रीय भाषाओं में मोबाइल के माध्यम से किसानों को खेत-विशिष्ट, फसल-विशिष्ट क्रियात्मक सलाह देता है।
Fasal के फील्ड सेंसर्स सूक्ष्म जलवायु, मिट्टी और फ़सल की स्थिति सहित बागवानी के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को मापते हैं और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर इस डाटा को कृषि से जुड़ी भविष्यवाणी में और इससे जुड़े जोखिमों का आंकलन करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इससे किसानों को इनपुट लागत कम करने, फसल सुरक्षा और सिंचाई आदि करने में मदद मिलती है।
आनंद वर्मा और शैलेन्द्र तिवारी द्वारा 2018 में स्थापित इस स्टार्टअप का मुख्यालय बैंगलोर में स्थित है। इस कंपनी के साथ लगभग 100 से ज़्यादा खेत और 1000 से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। वर्तमान में, यह अंगूर, अनार, खट्टे फल, मिर्च और टमाटर जैसी फसलों को तकनीक के ज़रिए उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे है।
अधिक फसलों को जोड़ने और भूगोल का विस्तार करने के अलावा यह कंपनी भारत में अन्य एग्रीटेक स्टार्टअप्स से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला और रिवर्स चेन बाजार में भी प्रवेश कर रही है।
VNR Seeds
VNR Seeds का शुभारंभ 23 December 2004 में छत्तीसगढ़ में कृषि पंडित डॉ नारायणभाई चावड़ा द्वारा किया गया था। आज VNR Seeds भारत में अग्रणी और भरोसेमंद बीज कंपनी में से एक है। VNR Seeds एक जानकार और समृद्ध कृषक समुदाय की कल्पना करते हुए अनुसंधान प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता वाले बीजों को श्रेष्ठ बनाकर सर्वोत्तम उपज सुनिश्चित करते हैं। VNR SEEDS किसान बंधुओं को सर्वोत्तम बीज प्रदान करते हैं जो उच्चतम उपज के माध्यम से अधिकतम लाभ सुनिश्चित करते हैं।
कंपनी के सीड कंडीशनिंग प्लांट में बीजों को साफ़ किया जाता है और अन्य अवांछनीय सामग्री को निकाल दिया जाता है। सीड कंडीशनिंग में प्रीकॉन्डिशनिंग, बेसिक क्लीनिंग, साइज ग्रेडिंग, अपग्रेड और ट्रीटमेंट और पैकेजिंग शामिल हैं। बीज रोपण से ग्राहक तक पहुंचाने का पूर्ण कार्य बेहतर तरीके से किया जाता है। बीज प्रसंस्करण में सफाई, सुखाने, बीज उपचार, पैकेजिंग और भंडारण शामिल हैं। जांच का सारा कार्य यहां के जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में किया जाता है।
सीड प्रोडक्ट प्रोसेस में सबसे पहले प्रोडक्शन की प्लानिंग की जाती है , इसके बाद खेती के लिए पर्याप्त खेत चुना जाता है , सीड release होता है, जुताई होती है , गुणवत्ता का प्रबंधन किया जाता है , फिर कटाई होने के बाद बाज़ारों में भेज दिया जाता है।
Aquaconnect
जहाँ एग्रीटेक मुख्य रूप से पारंपरिक फसल खेती के साथ जुड़ा होता है, वहीं Aquaconnect एक ऐसा स्टार्टअप है जो A.I. और रिमोट-सेंसिंग जैसी तकनीकों की मदद से झींगा और मछली का व्यापार करने वाले किसानों की दक्षता और खेती के राजस्व में सुधार करने में सहायता करता है।
FarmMOJO, जो इसका AI आधारित मोबाइल ऐप है, एक कृषि सलाहकार के रूप में कार्य करता है और कई भाषाओं में किसानों को सुझाव और अलर्ट प्रदान करता है। इससे किसानों को पानी की गुणवत्ता के मापदंडों में सुधार करने, खपत पैटर्न और इन्वेंट्री के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलती है।
2017 में, राजमनोहर सोमसुंदरम, शनमुगा सुंदर राज और संजय कुमार द्वारा स्थापित, यह चेन्नई एग्रीटेक स्टार्टअप लगभग 3400+ झींगा किसानों के साथ मिलकर Aquaconnect फार्म प्रोडक्शन में सुधार के प्रयास कर रहा है। वर्त्तमान में, यह भारत में तीन प्रमुख जलीय कृषि उत्पादन राज्य – तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गुजरात में काम कर रहा है।
Freshokartz
जब इनपुट सामग्री की बात आती है तो किसानों को मदद की ज़रूरत होती है और वे अक्सर अपने व्यवसाय के इस हिस्से के लिए सप्लाई चेन में बिचौलियों पर निर्भर रहते हैं। यह इनपुट चेन की खरीद में अक्षमता का परिणाम है, जैसा सप्लाई चेन में होता है। जयपुर स्थित Freshokartz न केवल किसानों को मिट्टी के परीक्षण, पिछली फ़सल के इतिहास, और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण प्रदान करता है, बल्कि किसान को खेत की सलाह देने, गुणवत्ता वाले बीज, कीटनाशक और उर्वरक प्रदान करने के लिए गांवों में केंद्र भी संचालित करता है।
Freshokartz में किसानों के लिए एक सदस्यता मॉडल है जहाँ किसान प्रति वर्ष सदस्यता शुल्क के रूप में INR 500 से लेकर INR 1000 का भुगतान करते हैं जिसमें असीमित कॉल सेंटर के समर्थन के साथ मिट्टी परीक्षण और किसान के घर पर फील्ड विज़िट भी शामिल है। यह कंपनी किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशक भी बेचती है। Freshokartz किसानों को बाजार से जोड़ता है और उन्हें उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करता है, जो भारतीय किसानों की प्रमुख चिंताओं में से एक है।
राजेंद्र लोरा द्वारा 2016 में स्थापित, यह स्टार्टअप वर्तमान में लगभग 90,000 किसानों और गांवों में 75 ग्रामीण स्तर के केंद्रों से संचालित होता है।
Gramophone
Gramophone किसानों को कृषि संबंधी समस्याओं और उत्पाद परामर्श के लिए कृषि विशेषज्ञों से बात करने की व्यवस्था प्रदान करवाता है। इसका एक मोबाइल ऐप भी है जो कृषि, समुदाय और कृषि इनपुट रिटेल के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है। किसानों को स्केलेबल, वैयक्तिकृत फसल देखभाल के समाधान प्रदान करने के लिए, ऐप में कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ 30 से अधिक फसलों का डिजिटल डेटाबेस है। ऐप में कीट की समस्याओं और मिट्टी के पोषण की जानकारी भी है।
2016 में तौसीफ खान, निशांत वत्स, हर्षित गुप्ता और आशीष सिंह द्वारा स्थापित, Gramophone में 300,000 किसानों का एक एप्लीकेशन यूजर बेस है।
Gramophone किसानों के लिए बेहतर पैदावार हासिल करने के लिए समय पर सूचना, तकनीक और सही तरह के इनपुट लाकर खेती में सुधार लाने का प्रयास करती है जिससे किसानों को बेहतरीन उत्पाद और ज्ञान मिले। किसानों के लिए हर तरह के इनपुट के लिए Gramophone वन स्टॉप सॉल्यूशन है। किसान अपने दरवाज़े पर ही फसल पोषण, बीज, औजार और कृषि हार्डवेयर ख़रीद सकते हैं।
Intello Labs
AI अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों को बदल रहा है और Intello Labs स्रोत पर खाद्य गुणवत्ता का आकलन करने के लिए AI- आधारित इमेज प्रोसेसिंग का उपयोग करता है। यह एग्रीटेक स्टार्टअप भारतीय खाद्य आपूर्ति और उत्पादन श्रृंखला में खाद्य उत्पादकों, प्रोसेसर, खुदरा विक्रेताओं, खाद्य सेवा कंपनियों और अन्य हितधारकों के साथ बी 2 बी मॉडल पर काम करता है।
इस स्टार्टअप की स्थापना 2016 में मिलन शर्मा, निशांत मिश्रा, हिमानी शाह और देवेंद्र चंदानी द्वारा की गई थी और इसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है।
O4S
एक बार जब उत्पाद बाजार में आ जाते हैं, तो हमेशा कोई न कोई ऐसा होता है जो शीर्ष पर से पैसे निकालने या कम-गुणवत्ता वाले नकली उत्पाद बेचने के लिए मौके तलाशता रहता है। किसानों को अनाज के साथ इस समस्या का सामना करना पड़ता है जो अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
O4S, जिसे Original 4 Sure के नाम से भी जाना जाता है, एक SaaS आधारित प्लेटफार्म है जो आपूर्ति श्रृंखला में दृश्यता को बढ़ाकर डाउनस्ट्रीम आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने में मदद करता है।
गुरुग्राम स्थित यह स्टार्टअप ब्रांड्स को रिटर्न्स मैनेजमेंट की मूल्यवान सुविधा प्रदान करता है जो आज के दौर में बीज कंपनियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। उनके 40% उत्पाद रिटर्न प्रक्रिया से प्रभावित होते हैं।
O4S की स्थापना दिव्य कुमार और श्रेयस सिपानी ने 2016 में की थी। इस व्यावसायिक मॉडल में हर उत्पाद को निर्माण स्थल पर ही एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर प्रदान किया जाता है जिससे उत्पाद की पहचान की जा सके और उसके नक़ल की संभावनाएं समाप्त हो जाएँ।
Ugaoo
ugaoo.com 2015 के अंत में लॉन्च किया गया एक बागवानी और कृषि मंच है जो बागवानी और भूनिर्माण बाजार पर केंद्रित है। यह स्टार्टअप किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले जैविक बीज और अन्य उत्पाद प्रदान करता है।
यह सूरत, नासिक और कोच्चि जैसे टियर 2 शहरों में के बाज़ारों में बढ़ती संभावनाओं को पूरा करने के लिए उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है। यह उन किसानों के साथ काम करता है जो नवीनतम तकनीक से अवगत हो चुके हैं और ऐप का उपयोग करना जानते हैं।
इसके अलावा ugaoo ऐप के द्वारा में बाग़वानी से संबंधित उत्पाद भी और इससे संबंधी कोई भी समस्या या जानकारी के लिए इस ऐप पर experts की राय भी ली जा सकती है।
Crofarm
एग्रीकल्चर सप्लाई चेन स्टार्टअप Crofarm की शुरुआत 2016 में हुई थी। यह कंपनी सीधे किसानों से ताज़े फल और सब्जियां खरीदता है और उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं तक पहुँचाता है।
अपने कई वितरण केंद्रों के माध्यम से 100 से अधिक छोटे और मध्यम खुदरा विक्रेताओं को Crofarm अपनी सेवायें प्रदान करता है। यह स्टार्टअप आपूर्ति श्रृंखला में 5% से कम की बर्बादी का दावा करती हैं, जबकि देश में आपूर्ति श्रृंखला में फलों और सब्जियों में औसतन 50% की बर्बादी होती है।
Crofarm मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर में संचालित होता है और इससे यूपी, हरियाणा और दिल्ली के किसान इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। यह स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में बिचौलियों के खतरे को कम करने और कृषि क्षेत्र में कारगर प्रक्रियाओं के इस्तेमाल पर केंद्रित है, जो काफी हद तक असंगठित है।
अंत में…
कृषि क्षेत्र में आने वाले समय में हमें ऐसे और भी नए आविष्कार और प्रयोग देखने को मिलेंगे। एग्रीटेक के क्षेत्र में निवेश और निवेशकों की रूचि दोनों बढ़ रही है। ऐसे में स्टार्टअप्स के लिए यह दौर एक सुनहरे अवसर से कम नहीं है।
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